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गुरुग्राम शहर की एक दवा कंपनी में पूर्व वैज्ञानिक रहे डॉ. प्रकाश सिंह ने रविवार की रात अपनी पत्नी और बेटे-बेटी की हत्या कर खुद फांसी लगा ली। उन्होंने सबकी हत्या बड़ी बर्बरता के साथ की है। इसके लिए सभी पर पहले हथौड़े से वार किया और बाद में फरसे से गला काट दिया। उनकी जेब से अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने परिवार संभालने में असमर्थता जताते हुए घटना के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है।

सोमवार की सुबह सेक्टर-49 स्थित पॉश सोसाइटी उप्पल साउथ एंड स्थित वैज्ञानिक के फ्लैट पर पहुंची पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मूल रूप से रघुनाथपुर, वाराणसी के रहने वाले वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश सिंह रसायनशास्त्र के जानकार थे और यहां दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा में वैज्ञानिक थे। वे यहां निदेशक के पद पर तैनात थे। हालांकि, करीब एक महीने पहले उन्होंने सन फार्मा की नौकरी छोड़ दी थी और अब हैदराबाद की किसी फार्मा कंपनी में करीब 20 दिन बाद नौकरी शुरू करने वाले थे। इसलिए फिलहाल वह घर पर ही रह रहे थे। दंपति की ओर से गुरुग्राम और पलवल में चार स्कूल चलाए जा रहे थे।

मामूली विरोध के प्रमाण मिले

डॉ. प्रकाश सिंह जिस फ्लैट में रहते थे वह तीन मंजिल का है। वह भूतल पर रहते थे। इस इमारत में प्रत्येक मंजिल पर थ्री बीएचके है। घर में वह जब इस वारदात को अंजाम दे रहे थे तो इसकी भनक न तो प्रथम मंजिल पर रहे रहे परिवार को मिली और न ही पड़ोसियों को। चूंकि कमरे के अंदर विरोध के मामूली लक्षण मिले हैं, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि प्रकाश सिंह ने अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या सोते-सोते ही कर दी होगी। चूंकि इस घटना के बाद कुत्तों ने भी प्रतिरोध नहीं किया। यह भी आशंका जताई जा रही है कि सबके खाने में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया होगा।

हथौड़ा मारने के बाद फरसे से काटा

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकाश सिंह ने पहला प्रहार अपनी बेटी अदिति सिंह पर हथौड़े से किया है। इसके बाद संभवत: पत्नी सोनू सिंह ने प्रतिरोध करने का प्रयास किया तो उनके सिर पर हथौड़े से कई बार वार किया। आखिर में फरसे से गला काट दिया। सबसे कम चोट बेटे आदित्य को लगी हैं। हालांकि उसे फरसे से मारा गया है।

रात 11 बजे के बाद हुई वारदात

पुलिस को दिए बयान में प्रकाश सिंह की पत्नी सोनू सिंह की बहन सीमा अरोड़ा ने बताया कि रात में 11 बजे तक घर में सब कुछ ठीक था। वह खुद व्हाट्सएप के जरिए आदिति से 11 बजे तक चैट कर रही थी। सुबह उन्हें सूचना मिली कि घर में सभी लोगों की मौत हो चुकी है। सीमा ने पुलिस को बताया कि प्रकाश सिंह और सोनू के बीच कोई विवाद नहीं था। 

नौकरानी के आने पर खुलासा हुआ

घटना का खुलासा सोमवार की सुबह नौकरानी जूली के आने पर हुआ। जूली सुबह करीब सात बजे डॉ. सिंह के घर पहुंची। उसने कई बार घंटी बजाई, दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से जवाब न मिलने पर पड़ोस में रहने वाले आरके माथुर को सूचित किया। फिर आरके माथुर ने मामले की जानकारी आरडब्ल्यूए को दी और आरडब्ल्यूए ने पुलिस को सूचित किया। करीब पौने आठ बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने खिड़की के रास्ते बाथरूम में उतरकर शव होने की पुष्टि की। इसके बाद दरवाजा तोड़कर चारों शवों को बाहर निकाला गया।

पत्नी खुद के स्कूल में प्रिंसिपल थीं

डॉ. प्रकाश सिंह की पत्नी खुद की ओर से संचालित एक स्कूल की प्रिंसिपल थीं। बेटी अदिति सिंह (19) जामिया मिलिया से बी-फार्मा की पढ़ाई कर रही थी। वह फिलहाल अंतिम वर्ष की छात्रा थी। बेटा आदित्य अभी 14 साल का था और फिलहाल पास के ही डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा था।

''वारदात के पीछे पैसे की तंगी जैसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। प्रकाश सिंह ने भले ही नौकरी छोड़ दी थी, लेकिन उन्हें दोबारा से नौकरी मिल भी गई थी। यहां स्कूल भी बढ़िया तरीके से संचालित हो रहे थे। इसलिए पैसे की कमी को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। फिलहाल पुलिस ने हत्या और आत्महत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।


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