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नई दिल्ली : टीम इंडिया इन दिनों अपने वर्ल्ड कप मिशन के लिए कमर कस रही है, जल्दी ही टीम इंग्लैंड रवाना होगी। वर्ल्ड कप मिशन के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा अप्रैल में ही कर दी गई थी। इस टीम में स्पिन विभाग की जिम्मेदारी इस बार दो युवा गेंदबाजों (युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव) के पास है। दोनों ही खिलाड़ियों का यह पहला वर्ल्ड कप होगा। वर्ल्ड कप रवाना होने से पहले लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने हमारे सहयोगी 'टाइम्स ऑफ इंडिया.कॉम' से खास बातचीत की। इस बातचीत में चहल ने बताया कि असल मायने में उनकी टीम (टीम इंडिया) ही वर्ल्ड कप जीत की असली दावेदार है। अपने पहले वर्ल्ड कप में खेलने के लिए 28 वर्षीय जींद हरियाणा के युजवेंद्र चहल अपनी स्पिन बोलिंग का जोहर दिखाने के लिए उत्साहित हैं। उनकी और उनके जोड़ीदार चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव से टीम मैनेजमेंट को उनसे काफी उम्मीदें हैं। चहल कहते हैं, 'मेरे और कुलदीप में अच्छे प्रदर्शन को लेकर जो सबसे खास चीज है वह है हमारा विश्वास। हम दोनों एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे दो बल्लेबाज अपनी साझेदारी के दौरान एक-दूसरे पर करकते हैं। मैं और कुलदीप अपनी बोलिंग के दौरान ऐसा करते हैं। हम दोनों में अच्छा तालमेल है और सबसे बेहतर बात है कि हम दोनों एक दूसरे को बखूबी समझते हैं।' 

उन्होंने कहा, ' हम (मैं और कुलदीप) अपनी योजनाएं एक-दूसरे से बांटते हैं और टीम के सीनियर खिलाड़ियों की मदद से उस पर खरा उतरने का काम करते हैं। खासतौर से (विराट) कोहली भाई और (एमएस धोनी) माही भाई की मदद से। हम वर्ल्ड कप में ऐसा ही करेंगे।'  इस मौके पर चहल ने बताया, 'मैं इंग्लैंड में क्रिकेट खेल चुका हूं। मुझे वहां की कंडिशंस का अच्छे से अंदाजा है। जब मैं इंग्लैंड (2018 में) में खेला था, तब वहां की परिस्थितियां स्पिनर्स के लिए मददगार थीं। मुझे भरोसा है इस स्पिनर्स वहां अच्छा करेंगे। इंग्लिश परिस्थितियों में बोलिंग करना आसान नहीं होता।' 

इस लेग स्पिनर ने कहा, 'अपने पहले वर्ल्ड कप को लेकर मैं बड़ा उत्साहित हूं। मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। हर क्रिकेटर का वर्ल्ड कप में खेलने का सपना होता है और मेरे लिए यह सपना सच होने जा रहा है। स्वभाविक है कि इसे लेकर दबाव भी होगा लेकिन मैं इससे निपटने के लिए तैयार हूं।' चहल मानते हैं कि कामयाब होने के लिए धैर्य बड़ी चीज है। इंटरनैशनल क्रिकेट में कामयाब होने का यही मंत्र है कि खुद को शांत रखों और विकेट लो। चहल कहते हैं, 'मैं शतरंज का भी खिलाड़ी रहा हूं और इससे मैंने धैर्य सीखा है। आपको यहां घंटों-घंटों तक बैठकर अपनी एक चाल का इंतजार करना पड़ता है। यही धैर्य मुझे क्रिकेट मैदान पर मदद करता है।' चहल मानते हैं कि इस बार भारतीय टीम से काफी उम्मीदें हैं और हम इन उम्मीदों पर जरूर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे मालूम है कि हमारी टीम से लोगों को काफी उम्मीदें हैं और इसका दबाव होना बी स्वभाविक है। लेकिन हमें दबाव से उबरना आता है। आपको पता होना चाहिए कि आप दबाव से कैसे उबरोगे और वक्त के साथ-साथ मैंने यह सीख लिया है। इस समय हमारा ध्यान हमारे लक्ष्य पर केंद्रित है और फिलहाल मैं किसी और चीज के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मेरे दिमाग में सिर्फ और सिर्फ वर्ल्ड कप ही है। मैं बस वहां जाकर खेलना और परफॉर्म करना चाहता हूं।' 


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