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मुंबई,  केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने के फ़ैसले की घोषणा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार भविष्य में ऐसी शर्मिंदगी और पछतावे से बचने के लिए अन्य दलों को भी विश्वास में लिया करे. प्रधानमंत्री ने गुरुवार की सुबह एलान किया है कि आगामी संसद सत्र में इन तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा. उद्धव ठाकरे ने केंद्र के फ़ैसले का स्वागत किया और साथ ही उन्हें सलाह भी दी. उन्होंने कहा, "तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की घोषणा आम आदमी के ताक़त की जीत है. केंद्र सरकार को आज की तरह शर्मिंदगी से बचने के लिए अन्य दलों को विश्वास में लेना चाहिए. उन्हें बातचीत करनी चाहिए." उन्होंने उम्मीद जताई की इन क़ानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी.
ठाकरे ने कहा, "पूरे देश में इन क़ाननों के ख़िलाफ़ भावनाएं थीं. आंदोलन चल रहे थे लेकिन वे (आंदोलनकारी किसानों का) विरोध कर रहे थे. किसान अब भी दिल्ली की सीमा पर हैं. लोगों के लिए अन्न उपजाने वाले किसानों में से कइयों की जानें चली गईं. यहां तक कि महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार ने भी इन क़ानूनों को लेकर अपना विरोध जताया था." मुख्यमंत्री ने कहा, "महाराष्ट्र विधानसभा के सत्रों के दौरान इन क़ानूनों पर विस्तार से चर्चा की गई. अंत में मैं केंद्र सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत करना चाहूंगा कि आखिरकार उन्होंने इसे संसद के आगामी सत्र में निरस्त करने का निर्णय लिया है."

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