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मुंबई, जापान को मुंबई से प्यार हो गया है और इके बाना तथा बोनसाई से वह अपने प्यार का इजहार करना चाहता है। यह इच्छा जापान ने मुंबई में मनपा के उद्यान विभाग की सफल परियोजना मियावाकी वन को देखने के बाद व्यक्त की। दरअसल, मियावाकी वन तकनीकी जापानी है, लेकिन जिस खूबसूरती और बारीकी से मनपा ने यहां मियावाकी वन बनाया है वह जापान को भा गया है। तभी तो जापान के काउंसलेट ने मनपा उद्यान विभाग को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया और मुंबई में जापान की इके बाना (सजावटी गुलदस्ता) और बोनसाई पौधा (बौना सजावटी पौधा) तकनीकी को भी यहां लांच करना चाहता है। मतलब इके बाना से मुंबई गार्डन-गार्डन हो जाएगा।
इतना ही नहीं, जापान ने मुंबई में तीन गार्डन में मियावाकी वन विकसित करने की इच्छा जताई है। हालांकि, इन सब विषयों पर राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। ज्ञात हो कि पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की पहल का ही नतीजा है कि आज जापान मुंबई के उद्यान विभाग की प्रशंसा कर रहा है।
बता दें पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षों के संवर्धन और संख्या बढ़ाने के लिए मनपा की ओर से तकनीकी और नए प्रयोग को लेकर विश्वभर में धूम मची है। पहले गेरुआ-चूना का लेप चर्चा में आया था अब मियावाकी मनपा को चर्चा में लाया है। खुद जापानी काउंसलेट ने स्वीकारा है कि मनपा बेहतर ढंग से मियावाकी वन परियोजना को विकसित कर रही है। यहां वर्षा जल संचयन की व्यवस्था कर पर्यावरण संरक्षण के मामले में महत्वपूर्ण और सराहनीय काम कर रही है। उद्यान विभाग की उपलब्धियों से प्रभावित जापान के महावाणिज्य दूत डॉ. फुकाहोरी यासुकाता और उनके सहयोगियों ने उद्यान विभाग प्रमुख जितेंद्र परदेशी को सम्मानित किया।


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