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मुंबई, कोरोना के कारण बंद पड़े शॉपिंग मॉलों के खुलने के तीन महीने बाद दिवाली पर फिर से रौनक लौटी है। बड़ी संख्या में खरीददार शॉपिंग कर रहे हैं, जिससे मॉल मालामाल नजर आ रहे हैं। मॉल प्रबंधकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते आर्थिक क्षति का सामना कर रहे मॉलों को दिवाली में संजीवनी मिली है। उनका कहना है कि साल के अंत तक इस घाटे को सौ फीसदी दूर कर लिया जाएगा। फिलहाल, मॉलों में सामान की बिक्री ९० फीसदी तक पहुंच गई है।
इस समय शॉपिंग मॉल्स और दुकानों को रात ११ बजे तक खुले रखने की सशर्त अनुमति दे दी गई है। ऐसे में त्योहारों के मौसम में सरकार के इस पैâसले पर कारोबारी प्रसन्नता जाहिर कर चुके हैं। नई मुंबई के नेरूल स्थित सीवुड शॉपिंग मॉल के प्रबंधक (बिक्री) गौरव जैन ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के शुरूआती दिनों में ग्राहक बहुत ही कम संख्या में आ रहे थे। हालांकि, इस बीच आए कई त्योहारों में धीरे-धीरे लोग शॉपिंग मॉल्स में आने लगे। स्कीमों और ऑफरों को चलाया गया। इस तरह के प्रयासों के बाद खासकर दिवाली के समय लोगों की भीड़ और बढ़ गई। उन्होंने कहा कि इसे इसी तरह आगे भी बरकरार रखा जाएगा, ताकि घाटे को पाटा जा सके। मॉल्स संचालकों का कहना है कि जिस समय ब्रेक द चेन के तहत राज्य सरकार ने मॉल्स को खोलने की अनुमति दी थी, उस समय बिजनेस को लेकर डेढ़-दो महीने तक कुछ अनुमान लगाना मुश्किल था। वहीं कोविड के कारण शॉपिंग मॉल्स इंडस्ट्री को ५० हजार करोड़ रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा था। हालांकि, सरकार के अर्थचक्र को गति दिए जाने की पहल से मॉल्स बिजनेस को काफी राहत मिली। विवियाना मॉल की मुख्य मार्वेâटिंग ऑफिसर रीमा कीर्तिकर ने कहा कि मुंबई, ठाणे और नई मुंबई के शॉपिंग मॉल्स में दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। राज्य सरकार की नीतियों के चलते आज फिर से न केवल शॉपिंग मॉल्स, बल्कि यहां काम करनेवाले लोगों की आर्थिक गाड़ी पटरी पर आने लगी है। रीमा कीर्तिकर ने कहा कि ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सप्ताह में दो लकी लोगों को आई फोन-१३ उपहार के तौर पर भेंट किया जा रहा है। इसके अलावा धनतेरस और दिवाली को देखते हुए गोल्ड का लकी ड्रा निकाला जा रहा है।


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