धनतेरस : राज्य में रु. ६०० करोड़ के व्यवसाय का अनुमान
मुंबई, देश में दीपावली की खूब धूम होती है और दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस के दिन सोने-चांदी की खरीदी में जमकर उछाल आता है। पिछले वर्ष कोरोना के चलते धनतेरस के दिन सोने-चांदी का बाजार थोड़ा फीका था लेकिन इस बार कोरोना के दिन लदने के साथ ही अर्थव्यवस्था ने जोर पकड़ा है और रफ्तार भी ऐसी है कि हर साल का रिकॉर्ड टूटने को बेकरार नजर आ रहा है। इस वर्ष धनतेरस के दिन महाराष्ट्र में सर्राफा बाजार पूरी तरह बूम होगा। व्यापारियों का अनुमान है कि पिछले बीस वर्षों का रिकॉर्ड इस बार टूटेगा और सबसे अधिक सोने-चांदी की बिक्री इस वर्ष होगी। बता दें कि भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखनेवाले धनतेरस के दिन महाराष्ट्र में इस बार ६ से ७ सौ करोड़ रुपए का व्यापार एक दिन में होगा। इतना सोना- चांदी शायद ही कभी बिका हो।
दीपावली से ठीक एक सप्ताह पहले सोने-चांदी के दाम में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। यही वजह है कि सीजन में सोने-चांदी की डिमांड बढ़ गई है। लोगों में सोने-चांदी की खरीददारी को लेकर खासा उत्साह देखा जा सकता है। दुर्गा पूजा के समय ही बाजार में उछाल देखी गई थी। तब से लेकर अबतक बाजार में रौनक बरकरार है।
‘इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन’ के पदाधिकारी और ‘बॉम्बे ज्वेलर्स एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष कुमार जैन ने ‘दोपहर का सामना’ को बताया कि राज्य में सोने-चांदी का व्यापार धनतेरस को औसतन २०० से २५० करोड़ रुपए तक रहा है लेकिन इस बार बाजार ६०० करोड़ रुपए के पार जाएगा। इसका सिग्नल हमें अभी से दिख रहा है क्योंकि दुर्गा पूजा के समय में ही सर्राफा बाजार ने जो बढ़त बनाई थी, वह तबसे बढ़ता ही जा रहा है। कुमार जैन ने कहा कि देश में कोरोना के चलते शादियां रुकी हुर्इं थीं, साथ ही लोगों ने कोरोना में खर्च भी कम किया था। पिकनिक, टूर, सामाजिक कार्यक्रम आदि के लिए जमा पैसे अब सोने चांदी की खरीदी में लगाएंगे। एक तरह से सोना-चांदी फिर से निवेश के लिए बेहतर विकल्प के रूप में सामने है। शादी के लिए तो धूमधाम से लोग खरीदी कर रहे हैं।