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भायंदर : भायंदर में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाने से हंगामा खड़ा गया। परिजन शव लेने से इंकार कर दिए। खबर लिखे जाने तक परिजन निजी अस्पताल और  महानगरपालिका के डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। भायंदर पश्चिम में भोला नगर का रहने वाला राघवेंद्र मिश्रा (21 )को बुखार और सांस लेने की शिकायत के बाद महानगरपालिका  के प्रमोद महाजन कोविड़  अस्पताल में ले जाया गया। वहां उसकी कोविड़ रिपोर्ट पॉजेटिव आई। सीटी स्कैन में फेफड़े में क्लॉथ (रक्त का थक्का) जमने का पता चला। परिजनों का कहना था कि सरकारी डॉक्टर ने उन्हें निजी अस्पताल गैलेक्सी में ले जाने की सलाह दी। उनका आरोप है कि गलैक्सी अस्पताल के डॉक्टर ने 5000 कीमत का एक इंजेक्शन दिया। उसके कुछ समय बाद उन्हें बताया  गया कि मरीज की मौत हो गई है।   अस्पताल का कहना था कि मेडिकल प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज शुरू किया गया था, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने कहा कि मामले में एडीआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। अगर अस्पताल दोषी पाया जाता है तो मामला दर्ज कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश जाधव ने कहा कि गलैक्सी अस्पताल का कोविड़ उपचार का लाइसेंस रद्द, नर्सिंग लायसेंस रद्द करने के लिए नोटिस और महानगरपालिका के दोषी डॉक्टर को निलंबित किया जाएगा।

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