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मुंबई, दिवाली करीब आती जा रही है। शहर में पटाखों की आवाजें भी सुनाई पड़ने लगी हैं। मगर पटाखे जलाते समय सावधानी बरतनी जरूरी है क्योंकि जरा-सी लापरवाही आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इनमें फुलझड़ी सबसे खतरनाक है। क्योंकि एक फुलझड़ी से ७० सिगरेट का धुआं निकलता है। यह आंख, कान, त्वचा और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि पटाखे जलाते समय सावधानी बरतें।
पटाखे जलाए बिना दिवाली अधूरी-सी लगती है लेकिन यही पटाखे आम नागरिकों के लिए घातक हो सकते हैं, ऐसा डॉक्टरों का मानना है। कान, नाक, आंख विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप उप्पल के अनुसार पटाखों की आवाज से कान का पर्दा फट सकता है, पटाखों के प्रदूषण से नाक और गले में भी जलन हो सकती है। सर्दी, नाक बंद, गले में खराश और अस्थमा की परेशानी हो सकती है। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिलीप गायतोंडे के अनुसार पटाखे जलाते समय उससे उचित दूरी बनाए रखें, वरना आंखों सहित विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं।
पटाखे फोड़ते समय बच्चों पर विशेष ध्यान दें क्योंकि एक पटाखे से निकलनेवाली चिंगारी, ध्वनि एवं धुएं से आंखों, त्वचा और सांस संबंधी समस्या हो सकती है। एक फुलझड़ी से ७० सिगरेट का धुआं निकलता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।


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