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मुंबई, कोरोना के चलते हर कोई स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गया है। स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए हर आदमी अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रख रहा है। इसी के तहत ड्रायप्रâूट्स से बनी पौष्टिक मिठाइयां डिमांड में हैं। इस साल बाजार में पौष्टिक मिठाइयों का नया चलन आया है, जिसमें काजू, बादाम, पिस्ता, गुलाब और विभिन्न फलों के बीजों से बननेवाली मिठाइयों की काफी मांग है। जहां एक ओर ड्रायप्रâूट्स की पौष्टिक मिठाइयों की डिमांड बढ़ी है, वहीं केंद्र सरकार की गलत नीतियों से पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम की वजह से मिठाइयों के दाम में दोगुनी वृद्धि हुई है। महंगी और पौष्टिक मिठाइयों की खरीदी के लिए आम लोगों को अपनी जेब ढीली करनी प़ड़ रही है।
बता दें कि हर साल दिवाली के मौके पर मिठाइयों का क्रेज देखने को मिलता है। पिछले वर्ष कोरोना के कारण मिठाइयों की मांग में भारी गिरावट देखी गई थी। कोरोना के कारण आम लोग अब अपने खान-पान का विशेष ध्यान रख रहे हैं। मिठाई वालों द्वारा इस बात को ध्यान में रखकर पौष्टिक मिठाइयों का नया ट्रेंड बाजार में लाया गया है, जिसमें काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट, खजूर, अंजीर, गुलाब की मिठाइयों का समावेश है।
आम, केसर, पान मसाला, गुलाब, संतरा, ओरियो जैसी मिठाइयां १,२८० रुपए प्रति किलो बिक रही हैं। सूखे मेवे करंजी की एक नई किस्म इस साल लॉन्च की गई है और इसे ८०० रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। सात अलग-अलग बीजों जैसे तरबूज, खरबूज, सूरजमुखी के साथ-साथ कीवी, अंजीर, व्रैâनबेरी खजूर से बने पौष्टिक लड्डू बाजार में १,४८० रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध हैं। गुड़, गुलाब, केसर, जेली, संतरा, स्ट्रॉबेरी, लीची से बनी काजूकतली १,२८० रुपए किलो मिल रही है। सूखे मेवे और ओरियो के मिश्रण से विभिन्न प्रकार के चॉकलेट उपलब्ध हैं। जेम्स चाकोबाइट विशेष रूप से बच्चों के लिए बाजार में १,०८० रुपए प्रति किलो पर उपलब्ध है।
हर साल दिवाली के मौके पर ऑफिस वर्कर्स को मिठाई देने की भारी मांग रहती है।

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