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मुंबई, महाराष्ट्र में मुंबई की अदालत ने शनिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और दो अन्य के खिलाफ रंगदारी मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले परमबीर के खिलाफ ठाणे की अदालत ने जबरन वसूली के आरोप में गैर जमानती वारंट जारी किया था। गत दिनों क्राइम ब्रांच ने परमबीर को जबरन वसूली के मामले में पूछताछ के लिए हाजिर होने के आदेश दिए थे। मगर वह हाजिर नहीं हुए थे। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने परमबीर के मुंबई व हरियाणा आवास पर जाकर नोटिस भी चस्पा की थी। परमबीर सिंह के विरुद्ध हफ्ता वसूली का एक मामला 23 जुलाई को दर्ज किया गया था। बाद में इस मामल की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। इस मामले में उनके साथ मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआइ सचिन वाझे सहित कई और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
परमबीर के विरुद्ध इसके अलावा एक और मामले में प्राथमिकी दर्ज है। उस मामले में भी परमबीर की जांच चल रही है, लेकिन परमबीर सिंह पिछले दो महीनों से मुंबई में नजर नहीं आ रहे हैं। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध उन्हीं के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर बयान दर्ज करने के लिए भी वह प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर नहीं हो सके हैं। कुछ दिनों पहले ही उनके खिलाफ मुंबई पुलिस ने एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि परमबीर सिंह शायद विदेश चले गए हैं। इसी वर्ष फरवरी में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक लदी स्कार्पियो कार खड़ी किए जाने का प्रकरण सामने आ के बाद ही उन्हें मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से हटा दिया गया था।
परमबीर सिंह के विरुद्ध लुकआउट नोटिस भी गत दिनों जारी किया गया था। क्योंकि पुलिस को शक है कि वह देश छोड़कर जा सकते हैं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आशंका जताई जा रही है कि परमबीर सिंह देश छोड़कर जा सकते हैं, लेकिन इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। पाटिल के अनुसार, किसी सरकारी अधिकारी को विदेश यात्रा करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होती है। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी सरकारी अनुमति की बिना विदेश नहीं जा सकते। यदि इसके बावजूद परमबीर सिंह विदेश जाते हैं तो यह ठीक नहीं होगा।



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