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मुंबई: क्रूज जहाज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में उगाही के आरोपों की जांच कर रहा स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) का एक विशेष दल स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल के बयान दर्ज किए बिना ही शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सैल ने एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े तथा अन्य के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. एनसीबी के उप महानिदेशक(उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह की अगुवाई में पांच सदस्यीय दल बयान दर्ज करने के लिए बुधवार को मुंबई पहुंचा था. यह दल क्रूज़ जहाज से मादक पदार्थ बरामदगी मामले में आरोपी आर्यन खान (अभिनेता शाहरुख खान के बेटे) को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये मांगने संबंधी सैल के दावे पर वानखेड़े और कुछ अन्य के खिलाफ विभागीय सतर्कता जांच के आदेश के बाद यहां पहुंचा था.
अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन दिन में एनसीबी के विशेष दल ने वानखेड़े सहित आठ लोगों के बयान दर्ज किए और क्रूज जहाज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में जुड़े कुछ अहम दस्तावेज और रिकॉर्डिंग एकत्र की. दल हालांकि सैल और एनसीबी के एक अन्य गवाह के पी गोसावी के बयान नहीं दर्ज कर सका. मामले में ‘स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने दावा किया था कि उसने गोवासी को किसी से 25 करोड़ रुपये मांगने की बात करते हुए सुना था. गोसावी को पुणे पुलिस ने एक अन्य मामले में हाल में गिरफ्तार किया है. सैल केपी गोसावी के अंगरक्षक के तौर पर काम करता था.
वानखेड़े ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा कि उन्होंने क्रूज जहाज मामले में निष्पक्ष जांच की है. एनसीबी के दल के अधिकारियों ने कहा कि सैल एक ‘‘अहम गवाह'' है और उसके बयानों के बिना दल किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकेगा. डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने मीडिया के जरिए सैल से अपील की वह अपने बयान दर्ज कराने आगे आए और अगर उसके पास कोई सुबूत है,तो उसे पेश करे. इसके अलावा सिंह ने मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले को पत्र लिखकर सैल को खुद को शनिवार तक एनसीबी के दल के समक्ष पेश होने का संदेश देने का अनुरोध किया था,लेकिन सैल हाजिर नहीं हुआ.


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