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मुंबई, खराब लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के चलते स्पाइन से संबंधित बीमारी सिर्फ बड़े-बूढ़ों को ही नहीं, बल्कि बच्चों को भी शिकार बना रहा है। इनमें रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। इसे लेकर वाडिया अस्पताल में बच्चों की हड्डियों की जांच के लिए स्कोलियोसिस चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।
वाडिया अस्पताल के वरिष्ठ स्पाइन सर्जन डॉ. अरुण ढवले ने कहा कि स्कोलियोसिस एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें बच्चे की एक साइड की रीढ़ की हड्डी में एक असामान्य-सा कर्व आ जाता है। रीढ़ की हड्डी का एंगल १० डिग्री से अधिक हो जाता है, तो उसे असामान्य माना जाता है। यह बच्चों के जन्म के बाद केवल तीन साल से कम उम्र में ही देखा जा सकता है। छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों में विकसित होनेवाले स्कोलियोसिस से सांस लेने में कठिनाई का उच्च जोखिम होता है।
उन्होंने कहा कि समय रहते इस बीमारी का उचित निदान और इलाज हुआ तो मरीज ठीक हो सकता है। इसके अलावा बीमारी से जुड़ी जटिलताओं में कमी आती है। स्कोलियोसिस बीमारी से बचने के लिए जल्दी निदान होना काफी जरूरी है। इसलिए अस्पताल में खास बच्चों के लिए मुफ्त एक्स-रे और एमआरआई जांच कराने के लिए स्कोलियोसिस शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में अब तक ४८ बच्चों ने भाग लिया है।
वाडिया अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिनी बोधनवाला ने कहा कि स्कोलियोसिस का शीघ्र निदान सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल में बच्चों के लिए एक जांच शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि शनिवार से चलने वाले इस दो दिवसीय शिविर में नि:शुल्क एक्स-रे और एमआरआई जांच कराने का प्रबंध किया गया। शिविर में लोकप्रिय मराठी अभिनेत्री मानसी नाईक ने भी अपनी उपस्थित दर्ज कर बच्चों का मनोबल बढ़ाया।


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