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मुंबई, कई खतरनाक इमारतों में रहने वालों मनपा के किराएदारों के साथ-साथ परियोजना प्रभावित लोगों को मनपा की ओर से दिए गए वैकल्पिक मकान स्वीकार्य नहीं हैं। इसलिए उन्हें मकानों के बदले पैसे दिए जाएंगे। परियोजना प्रभावित लोगों को अधिकतम 30 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकि 1964 से पहले के निर्माण वाले मनपा पालिका के किरायेदारों को रेडिरेकनर के अनुसार राशि मिलेगी। दक्षिण मुंबई में यह राशि एक करोड़ रुपये तक जा रही है। परंतु अगर किराएदार यह राशि लेते हैं तो उनका जमीन का मालिकाना अधिकार चला जायेगा। जिसे देखते हुए कुछ लोगों का कहना है कि यह घाटे का सौदा है।
परियोजना प्रभावित लोगों के लिए आवश्यक मकान न होने के कारण मनपा की कई परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। नियमानुसार वर्ष 2000 तक झुग्गी बस्तियों का पुनर्वास किया जाता है। घोषित आवश्यक नागरिक परियोजना के परियोजना की वजह से 2011 तक के प्रभावित लोगों को घर दिया जाता है। पर प्रभावित लोगों के दूर न जाने के कारण परियोजना में देरी होती है।
इसके समाधान के लिए मनपा ने रेडिरेकनर की दर पर पैसे भुगतान करने की योजना बनाई है। हालांकि, प्रशासन ने अधिकतम 30 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अधिक से अधिक 150 वर्गफुट का क्षेत्रफल बेस रखा जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव बुधवार को स्थायी समिति के पटल पर रखा गया है।
यह अवसर बीएमसी के खतरनाक चालों में किराये पर रहने वालों के साथ-साथ 1964 से पहले के अधिकृत भवनों में रहने वालों के लिए उपलब्ध कराया गया है। हालांकि, उन्हें पूरी तरह से रेडिरेकनर की दर के आधार पर राशि मिलेगी। दक्षिण मुंबई में यह राशि 1 करोड़ तक जा सकती है। मनपा की ओर से तैयार प्रस्ताव के तहत ग्रांट रोड के नाना चौक से गिरगांव चौपाटी क्षेत्र के घरों को 1 करोड़ 1 लाख रुपये तक, वर्ली में 86 लाख रुपये तक और दादर में 72 लाख रुपये तक मिल सकता है।
मनपा का यह निर्णय किरायेदार और 1964 के पूर्व के अधिकृत मकानों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कुछ क्षेत्रों में चालों के घर 300 वर्ग फुट से अधिक हैं। पर मनपा 200 वर्ग फुट का ही भुगतान करेगी। एक बार पैसे ले लेने के बाद उनका जगह का मालिकाना अधिकार छीन जाएगा। यह घर मुख्यतः दक्षिण मुंबई और दक्षिण मध्य मुंबई में होने के कारण उन्हें मनपा की ओर से मिले पैसों से दोबारा उसी जगह नया घर खरीदना उनके लिए संभव नहीं होगा।
मनपा की ओर से चल रही परियोजनाओं में 36 हजार 221 प्रभावित हैं। इसलिए भविष्य में शुरू की जाने वाली परियोजनाओं में 40 हजार परियोजनाएं प्रभावित होंगे। यह जानकारी मनपा स्थायी समिति में प्रस्तुत करेगी। फिलहाल मनपा के पास 3 हजार 828 मकान माहुल में उपलब्ध है। वहां पुनर्वास पर न्यायालय ने रोक लगा दी है। इसलिए नगर पालिका ने इस विकल्प को आगे लाया है। साथ ही, खतरनाक इमारतों में रहने वाले किरायेदारों को उनके जीवन की सुरक्षा के लिए यह विकल्प दिया गया है, प्रशासन ने प्रस्ताव में उल्लेख किया है।

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