कोस्टल रोड : यूरोप से आई मोनो पाइल की तकनीक व मशीनरी
मुंबई, मनपा ने ‘हैप्पी जर्नी, फ्री ब्रीथ’ का नारा देते हुए
मुंबईकरों की यात्रा को आसान और तेज बनाने के उद्देश्य से कोस्टल रोड
परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत
अरब समुद्र में कोस्टल रोड के लिए जेजे की तर्ज पर सिंगल खंबे बनाए
जाएंगे। इसके लिए यूरोप की मोनो पाइल तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इतना ही नहीं इन खंबों के लिए यूरोप से मशीनरी लाई गई है। समुद्र में २,१००
मीटर लंबे पुल को लेकर खड़ा होने के लिए हुए टेस्टिंग में मोनो पाइल अपनी
कसौटी पर खरा उतरा है। टेस्टिंग में मोनो पाइल का स्ट्रक्चर पास हो गया है।
मनपा अधिकारियों के अनुसार हमने एक बड़ी जीत हासिल की है। टेस्ट में
विशेषज्ञों ने मोनो पाइल के स्ट्रक्चर को सभी प्रकार से टेस्ट किया है और
इसे पास किया है। अब इसकी नई डिजाइन बनाई जा रही है। डिजाइन पास होने पर
तुरंत ढलाई का काम शुरू होगा।
कोस्टल रोड परियोजना के तहत प्रियदर्शनी
पार्क से बड़ौदा पैलेस तक और बड़ौदा पैलेस से सी-लिंक के वर्ली छोर तक समुद्र
में २,१०० मीटर लंबा और १५.६६ मीटर चौड़ा पुल को बनाया जाना है। चूंकि इसके
लिए मोनो पाइल पद्धति हिंदुस्थान में पहली बार होने जा रहा है। मनपा ने
मोनो पाइल को लेकर टेस्टिंग कराई। तीन अलग-अलग आकार के पिलर का परीक्षण
किया गया था। तीन महीने बाद यह रिजल्ट आया है।
कोस्टल रोड परियोजना के
मुख्य इंजीनियर विजय निगोटे ने बताया कि आमतौर पर जब समुद्र, नदियों, झीलों
आदि पर पुलों का निर्माण के लिए प्रत्येक पिलर के नीचे ४ पिलर सपोर्ट के
लिए खड़े किए जाते हैं लेकिन मोनो-पाइल सिस्टम में एक ठोस पिलर को नीचे से
ऊपर की ओर खड़ा किया जाता है। इससे खर्च भी कम होगा। कुल ७०४ सपोर्टिव पिलर
की जगह १७४ पिलर ही बनाने होंगे। काम तेज गति से होगा।