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मुंबई : राजनैतिक ओबीसी आरक्षण के बिना स्थानीय चुनाव कराने का विरोध कर रही ठाकरे सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार महाराष्ट्र में जिला परिषद और पंचायत समिति के लिए उपचुनाव कराने का फैसला लिया है। यह चुनाव 5 अक्टूबर को करवाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य में चुनाव करवाना राज्य चुनाव आयोग का काम है। वह अपने विशेषाधिकार के तहत राज्य की परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव करवा सकते हैं। साथ ही इस उपचुनाव में कोरोना महामारी संबंधी बंदिशें लागू नहीं होंगी। फिलहाल महाराष्ट्र में कोरोना के मामले काफी कम आ रहे हैं और राज्य सरकार ने खुद कई तरह की रियायत आम जनता को दी है।
बीते कुछ महीनों से महाराष्ट्र में राजनैतिक ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुर्खियों में रहा है। लगभग हर पार्टी ने ओबीसी समाज को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ओबीसी आरक्षण दिए जाने की जमकर वकालत की थी। हालांकि आरक्षण के मुद्दे को महाराष्ट्र में फिलहाल हालात मराठा समाज बनाम ओबीसी समाज का बना हुआ है। मराठा समाज को महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी का पारंपरिक वोटबैंक माना जाता है। जबकि ओबीसी समाज का झुकाव बीजेपी और शिवसेना की तरफ रहता है। जिला पंचायत के उपचुनाव में ठाकरे को ओबीसी समाज की नाराजगी भी उठानी पड़ सकती है। सरकार को डर है कि कहीं ओबीसी मतदाता बिदक कर बीजेपी की तरफ ना चले जाएं।

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