नारायण राणे बोले, महाराष्ट्र सरकार हिंदू विरोधी
मुंबई, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार त्योहारों के समय प्रतिबंध लगा रही है, यह गलत है। यह हिंदू विरोधी सरकार है। वे पाबंदियों के बारे में तभी सोचते हैं, जब हिंदू त्योहार आते हैं। शिवसेना हिंदुत्व की बात करती है, लेकिन उनका हिंदुत्व उसी दिन समाप्त हो गया जिस दिन उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया। उनके मुताबिक, हमें न तो नोटिस मिला और न ही हमें कोई जानकारी है। हमने पहले ही 25 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है। हमने बैंक से ब्याज की राशि के बारे में सूचित करने के लिए कहा है, निपटान के लिए तारीख 16 अक्टूबर है। जो भी हमें बदनाम करने की कोशिश करेगा, हम उसके खिलाफ अदालत जाएंगे।
गौरतलब है कि नारायण राणे की पत्नी नीलम राणे व उनके विधायक बेटे नितेश राणे के विरुद्ध ऋण अदायगी न कर पाने के कारण पुणे पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। मुंबई विमानतल प्रशासन को दिए गए नोटिस के अनुसार ऐसी आशंका है कि ये लोग ऋण अदा न करने की नीयत से किसी भी समय देश छोड़कर जा सकते हैं और कानूनी कार्रवाई से बचने की कोशिश कर सकते हैं। पुणे पुलिस के उपायुक्त (अपराध) श्रीनिवास घाडगे के अनुसार नीलम एवं नितेश के विरुद्ध तीन सितंबर को लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। जिस मामले में यह नोटिस जारी किया गया है, उसमें एक कंपनी आर्टलाइन प्रापर्टीज प्रा.लि. द्वारा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लि. (डीएचएफएल) से 25 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। यह ऋण लेने में नारायण राणे की पत्नी नीलम राणे सहभागी थीं। इसी प्रकार नारायण राणे के गांव कणकवली में बने नीलम होटल के लिए राणे के पुत्र नितेश राणे द्वारा 34 करोड़ का ऋण डीएचएफएल से ही लिया गया था।
इन दोनों ऋणों की अदायगी नहीं हो पाने से ये दोनों ऋण फंसा कर्ज (एनपीए) हो चुके हैं। ऋण एनपीए होने के बाद वित्तीय संस्था द्वारा केंद्र सरकार से शिकायत की गई। केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा यह लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि लुकआउट नोटिस का दायरा सीमित होता है। इस मामले में गिरफ्तारी का सवाल नहीं उठता। जिस किसी के विरुद्ध यह नोटिस जारी होता है, वह देश छोड़कर नहीं जा सकता। नारायण राणे भी पिछले दिनों अपनी गिरफ्तारी के कारण चर्चा में रहे हैं। अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने का बयान देने के कारण उन्हें रत्नागिरी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उसी रात उन्हें महाड कोर्ट से जमानत मिल गई थी।