मुंबई फिल्म उद्योग में काम के लिए यूनियन मेंबरशिप की अनिवार्यता खत्म, निर्माताओं ने उठाया बड़ा कदम
मुंबई, मुंबई फिल्म जगत में केवल यूनियन के सदस्यों को ही काम करने देने और ‘मेंबर टू मेंबर’ काम करने की व्यवस्था अब खत्म हो गई है। अब किसी भी कलाकार, तकनीशियन या निर्देशक को फिल्म जगत में काम करने के लिए किसी ट्रेड यूनियन का सदस्य होने की जरूरत नहीं है। मुंबई में फिल्म, टीवी, वेब सीरीज व अन्य मनोरंजन सामग्री के निर्माण का काम करने वाले निर्माताओं ने इस बाबत एक संयुक्त बयान जारी करके इसकी घोषणा की है। फिल्म निर्माताओं की पांच संस्थाओं ने इसे लागू करने के लिए मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्रोड्यूसर्स कोआर्डिनेशन कमेटी (एमईपीसीसी) भी बनाई है। अब किसी भी निर्माता के सेट या लोकेशन पर किसी भी ट्रेड या लेबर यूनियन की तरफ से व्यवधान डालने पर स्थानीय प्रशासन व पुलिस में तुरंत शिकायत दर्ज कराने की बात भी इस बयान में कही गई है।
फेडरेनशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज (एफडब्लूआईसीई) एक ट्रेड यूनियन के तौर पर बरसों से ये दावा करता रहा है कि मुंबई में उसके पांच लाख सदस्य कर्मचारी मनोरंजन जगत में काम करते हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण के दौरान इन सदस्य कर्मचारियों के खाते में आर्थिक मदद करने के दौरान एफडब्लूआईसीई कभी भी 25-30 हजार से अधिक सदस्यों का विवरण उपलब्ध नहीं करा सकी। इस यूनियन के पदाधिकारियों पर आरोप लगते रहे हैं कि ये लोग किसी भी शूटिंग स्थल पर पहुंचकर वहां काम करने वालों के मेंबरशिप कार्ड चेक करने लगते हैं और अगर किसी लोकेशन पर बिना कार्ड का कर्मचारी पाया जाता है तो फिर निर्माताओं को धमकाने या उनको परेशान करने का सिलसिला शुरू हो जाता है।