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मुंबई, लालच बुरी बला है। बड़े बुजुर्गों द्वारा कही गई ये बात हमेशा सच साबित होती है। फिर भी लोग लालच में पड़ने से बाज नहीं आते हैं। सस्ती या उपहार स्वरूप मुफ्त में छोटी चीज पाने के झांसे में पड़कर अपना बड़ा नुकसान कर बैठते हैं। सोशल मीडिया में ऐसी ठगी की घटनाएं कुछ ज्यादा ही हो रही हैं। लोग खूबसूरत महिला, पुरुष, डॉक्टर, वकील आदि पेशेवर प्रोफाइल वालों से आंख बंद करके दोस्ती कर लेते हैं। ऐसे कई प्रोफाइल फर्जी होती हैं। ‘नटवरलाल’ इसमें ठगी का जाल बिछाए बैठे होते हैं। ऐसे ही एक मामले का खुलासा मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की उत्तर प्रादेशिक साइबर पुलिस की जांच में हुआ है।
बता दें कि १० फरवरी, २०२१ को पीड़िता की इंस्टाग्राम पर प्रâैंक विल्सन ६४२७ आईडी वाले शख्स से दोस्ती हुई थी। करीब सप्ताह भर सामान्य मैसेज का आदान-प्रदान करने के बाद दोनों के बीच मोबाइल पर बात शुरू हो गई। इसी बातचीत में खुद को लंदन का निवासी बतानेवाले प्रâैंक विल्सन ने पीड़िता को गिफ्ट भेजने का झांसा दिया। इसके बाद पीड़िता को ९७१७२८४२७९ नंबर से एक महिला का फोन आया। खुद को एयर पोर्ट पर कस्टम अधिकारी बतानेवाली महिला ने पीड़िता को उसका गिफ्ट आने और गिफ्ट पर पेनाल्टी के नाम पर गूगल पे से तत्काल २,९१,४०० रुपए भरने को कहा। गिफ्ट के लालच में पीड़िता द्वारा पैसों का भुगतान करने के बाद उसे ८०९९२०९२८९ नंबर से फोन आया। खुद को आरबीआई अधिकारी बतानेवाले शख्स ने पीड़िता को २,७५,००० रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भरने को कहा। जिसके बाद पीड़िता को गड़बड़ी का एहसास हुआ और उसने साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक वंदना वसावे के मार्गदर्शन तथा पीआई मंगेश देसाई के नेतृत्व में एपीआई संजय पवार, सविता कदम व उनके सहयोगियों ने तकनीकी विश्लेषण के बाद दोडविन जेनाथन नामक नाइजेरियन नागरिक को दिल्ली के ओल्ड पालम रोड स्थित काकरौला हाउसिंग कांप्लेक्स से गिरफ्तार किया। उसके पास से १७ एटीएम कार्ड, एक पेन ड्राइव, पांच चेकबुक, दो पासबुक, चार मोबाइल एक टैब, दो लैपटॉप आदि जप्त किया है।


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