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मुंबई: कोविड वायरस का फैलाव और प्रदूषण का रिश्ता है इस पर कई अलग-अलग रिसर्च हुई हैं और हो रही हैं. एक रिसर्च मुंबई के अलग-अलग वॉर्डों में हुई है जो इस बात को पुख़्ता करती है. मुंबई के जिन वॉर्डों में जहरीली ‘नाइट्रोजन डायऑक्साइड, NO-2' सबसे अधिक पाई गई वहां अधिक कोविड मौतें रिपोर्ट हुई हैं.

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''भ्रामक '': कोविड मौतों की बड़ी पैमाने पर गिनती न होने संबंधी रिपोर्ट्स पर सरकार''भ्रामक '': कोविड मौतों की बड़ी पैमाने पर 

24 वॉर्ड में बंटी मुंबई क्यों कोविड हॉटस्पॉट रही? क्या प्रदूषण से इसका कोई कनेक्शन है? अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की जर्नल जियोहेल्थ में छपी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंसेज-IIPS की रीसर्च की मानें तो कोविड से प्रदूषण का नाता जुड़ा है. स्टडी में पाया गया कि प्रदूषण को ख़तरनाक बनाने वाला ‘कण प्रदूषण' यानी पार्टिकुलेट मैटर- PM10 मुंबई के सभी वॉर्ड में बहुत अधिक पाया गया है. पर सबसे अहम है गाड़ियों, बिजली उत्पादन और इंडस्ट्रियों में प्रयोग होने वाले ईंधन से निकलने वाली जहरीली नाइट्रोजन डायऑक्साइड, NO-2 जिसकी मात्रा S, N, T, KE वॉर्ड यानी भांडुप, मुलुंड, घाटकोपर, अंधेरी ईस्ट जैसे इलाक़ों में अधिक पाई गयी.

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