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ठाणे, हर तरह के मरीजों को उत्तम उपचार की सुविधा मिले, इसके लिए ठाणे सिविल अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तब्दील करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत अस्पताल में बेड की संख्या ५७४ से बढ़ाकर ९०० करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी हेतु राज्य सरकार के पास भेजा गया है। इसके अलावा प्रस्ताव में इमरजेंसी मरीजों के लिए अस्पताल की इमारत के टैरेस पर एक एंबुलेंस हेलिपैड बनाने की योजना है। यह जानकारी ठाणे जिला शल्य चिकित्सक डॉ. वैâलाश पवार ने दी है।
ठाणे जिले की बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। व्यापक सुविधा न होने की वजह से गंभीर अवस्था में भर्ती होने वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजना पड़ता है। हर तरह के मरीजों का इलाज इसी अस्पताल में किया जाए, इसके लिए एक वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने अस्पताल का काया पलट करने का निर्णय लिया था। पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने इसके लिए विशेष प्रयास किया और इस अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी में तब्दील करने के लिए राज्य सरकार ने ३१४ करोड़ की निधि मंजूर की, पर कोरोना महामारी की वजह से अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाएं तो बढ़ी पर इसके नव निर्माण का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
पालक मंत्री एकनाथ शिंदे के मार्गदर्शन में प्रशासन स्तर पर किए गए विचार विमर्श के बाद सिविल अस्पताल में ५७४ की जगह ९०० बेड बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। सामान्य बेड में आर्थाे, आंख, रक्त, वरिष्ठ नागरिक, डायलिसिस, आयसीयू, नाक, कान, गाला आदि के वार्ड का समावेश है। इस पर ५२७ करोड़ खर्च का अनुमान है। डॉ. पवार ने बताया कि नव निर्मित सिविल अस्पताल में दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर तथा टेरेस पर इमरजेंसी मरीजों के लिए एंबुलेंस हेलीपेड के निर्माण की योजना है। इस अस्पताल का निर्माण वर्ष १९३५ में किया गया था। इस अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी बनाने का जो निर्णय राज्य सरकार ने लिया है, उसमें पुराने निर्माण को तोड़ते समय काले पत्थरों को पेंâकने के बजाय उसका कलात्मक उपयोग करने की योजना तैयार की गई है।


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