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मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने जनसंख्या नियंत्रण पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित मसौदा विधेयक का रविवार को स्वागत किया और कहा कि यदि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) इस विधेयक का विरोध करती है तो भाजपा को बिहार में नीतीश कुमार नीत सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के मसौदे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में दो से अधिक बच्चे होने पर स्थानीय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने और किसी भी तरह की सब्सिडी प्राप्त करने के लिए प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव है। राउत ने सवाल किया कि क्या विधेयक ईमानदार इरादे से लाया गया है और कहा कि यह मुद्दा (जनसंख्या नियंत्रण) जाति, धर्म और राजनीति से परे होना चाहिए। राउत ने लिखा कि राम मंदिर के मुद्दे का समाधान हो चुका है इसलिए अब इस मुद्दे पर मतदान करने के लिए नहीं कहा जा सकता। ऐसा कहा जा रहा है कि जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का उद्देश्य विधानसभा चुनाव (अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले) से पहले ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से लाया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे 'मुस्लिम विरोधी' करार दिया है। राउत ने ध्यान दिलाया कि उत्तर प्रदेश और बिहार की आबादी करीब 15 करोड़ है और अधिकतर लोग दूसरे राज्यों में जीविकोपार्जन के लिए पलायन करते हैं। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में आबादी के नियंत्रण के लिए कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने लिखा कि (उप्र के मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ को इस पहल के लिए बधाई दी जानी चाहिए और अगर नीतीश कुमार इसका विरोध करते हैं तो भाजपा को बिहार में समर्थन वापस ले लेना चाहिए। वर्ष1947 में भारत के विभाजन को याद करते हुए राउत ने कहा कि देश पंथनिरपेक्ष राज्य (देश) बना,'जहां हिंदुओं को धर्मनिरपेक्षतावादी बनकर रहने पर मजबूर किया गया, जबकि मुस्लिम और अन्य धर्मों ने धार्मिक आजादी का आनंद लिया।


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