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मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय मॉनसून सत्र आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है। विधानसभा का ये सत्र बिना शोर शराब के बीत जाए इसके लिए शिवसेना भाजपा की मान मनौव्‍वल करने में लगी हुई है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को अपने एक बयान में कहा था कि विपक्षी दल भाजपा अगर महाराष्ट्र के लोगों का हित के बारे में सोचता है तो उसे मानसून सत्र में किसी प्रकार का व्‍यवधान पैदा नहीं करना इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए संजय राउत बोले,‘ हल्ला-हंगामा कर सरकार को घेरना सही नहीं है। ऐसा करने से टीकाकरण, कोविड-19, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की समस्याएं नहीं सुलझ पाएंगी।

राउत ने कहा महाराष्ट्र सरकार के पास चर्चा के लिए कई प्रकार के मुद्दे और जनता की कई समस्याएं हैं। भाजपा अगर राज्य के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध महसूस करती है तो वह विधानसभा सत्र बिना किसी रुकावट के चलने देगी। राज्य के लोग भी यही चाहते हैं कि दो दिन का ये सत्र बिना किसी शोर-शराबे के सम्‍पन्‍न हो जाये। इस मानसून सत्र में महा विकास अघाडी सरकार 3 प्रस्‍ताव लाने की तैयारी में है।

1. देश के किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का कड़ा विरोध कर रही है, बीते कई महीनों से दिल्‍ली की सीमा पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। इस मानसून सत्र में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रस्ताव लाया जाएगा।

2. मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे, इस मांग से जुड़ा एक प्रस्‍ताव भी लाया जाएगा। बता दें कि इस मामले में केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ठुकरा चुका है। ऐसे में राज्‍य की अघाड़ी सरकार केंद्र से मांग करेगी की राज्य को आरक्षण देने का अधिकार दिलाया जाये  और 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संसद द्वारा कानून बनाया जाये।

3. ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण जब तक पुनर्बहाल नहीं हो जाता तब तक राज्‍य में स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं कराए जाएं। इसके लिए अघाड़ी सरकार केंद्र से ओबीसी वर्ग से जुड़ा इम्पेरिकल डाटा मांगेगी। इससे जुड़ा प्रस्ताव आघाडी सरकार लाने की तैयारी है, इस मामले में विपक्ष का कहना है कि ओबीसी आरक्षण के लिए इम्पेरिकिल डाटा राज्य सरकार को राज्य पिछडा़ वर्ग आयोग के माध्यम से जमा करना है। इसमें केंद्र की आवश्‍यकता नहीं है।


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