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मुंबई, मुंबई में गुरुवार को टीकों की कमी के कारण महानगरपालिका और सरकारी केंद्रों पर कोविड-19 रोधी टीकाकरण रुकने से लोग नाराज हैं और सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के प्रबंधन पर सवाल उठाने लगे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कुछ स्थानीय निवासियों ने इसे सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में टीके मुहैया न कर, 'निजी अस्पतालों की ओर रुख करने' के लिए मजबूर करने का तरीका भी बताया।
बृहन्मुंबई महानगरपालिक (बीएमसी) ने बुधवार को बताया था कि टीकाकरण एक दिन के लिए रोका जा रहा है। टीकों की कमी के कारण टीकाकरण के बार-बार रुकने से स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ गया है। पिछले महीने भी, पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध ना होने की वजह से टीकाकरण रोका गया था। वहीं, टीका लगवाने के लिए गुरुवार का समय लेने वाले लोग इस असमंजस में हैं कि उन्हें टीके लगेंगे या नहीं।
महानगरपालिका ने एक बयान में कहा था कि टीकों की नई खेप मिलने पर टीकाकरण अभियान फिर से शुरू हो जाएगा। बीएमसी के अनुसार, शहर में 54 लाख 35 हजार 731 नागरिकों को टीका लगाया गया है, जिनमें से 10 लाख 72 हजार 578 लोगों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। मुंबई में अभी 399 कोविड टीकाकरण केंद्र हैं, जिनमें 281 बीएमसी और 20 सरकार द्वारा चलाए जाते हैं। 98 निजी केंद्र हैं।

 


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