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मुंबई, जब से कोरोना महामारी आई है, तब से नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीमारी से बचने के लिए पिछले साल से ही लॉकडाउन लगाया गया। इस दौरान तमाम सैलून वगैरह बंद कर दिए गए, जिससे लोगों के दाढ़ी-बाल बढ़ गए। शुरू में तो ये मजबूरी रही लेकिन धीरे-धीरे ये शौक में शामिल हो गया। अब ये शौक खतरा बनकर सामने आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ी हुई दाढ़ी कोरोना को निमंत्रण दे रही है। मतलब साफ है कि दाढ़ी दर्द बढ़ा सकती है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के सदस्य डॉ. एंथनी एम. रॉसी के अनुसार यदि दाढ़ी बहुत घनी है तो मास्क गर्दन से जबड़े को अच्छे से कवर नहीं कर पाएगा। अधिक दाढ़ी से कणों और वायु प्रवाह को आपके और मास्क के बीच जाने की अनुमति मिलती है। इसका मतलब है कि यदि आप सांस लेते हैं, बोलते हैं, खांसते हैं तो वायरस आपके मास्क के भीतर नहीं रह पाएगा और आपके मास्क के किनारों से बच सकता है। इसके विपरीत यह भी है कि यदि आप किसी वायरस के संपर्वâ में हैं तो यह आपके मास्क के किनारों से प्रवेश कर सकता है इसलिए दाढ़ी को ट्रिम करने की जरूरत है। ऐसे में कहा जा सकता है कि आप हल्की दाढ़ी रखें या क्लीन शेव रहें, जिससे मास्क अच्छे से आपके चेहरे को कवर कर सके।
हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार बेहतर फिटिंगवाले मास्क कोविड जैसी बीमारियों से बचाव में अधिक कारगर हैं. वहीं अगर मास्क चेहरे पर ठीक से फिट नहीं होते हैं तो वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। उन्होंने चेहरे और कपड़े के बीच के स्थान को मापने के लिए तीन अलग-अलग आकार के मास्क के सीटी स्वैâन का इस्तेमाल किया। ये मास्क तीन अलग-अलग आकार के मुखौटों को पहनाए गए थे। इसके बाद उन्होंने संक्रमण के जोखिम को निर्धारित करने के लिए खाली स्थानों से लीक की गणना की।


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