राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने लक्षद्वीप प्रशासक के निर्णयों को अतार्किक बताया, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को लक्षद्वीप के प्रशासक की उनके निर्णय को लेकर आलोचना की और कहा कि उनसे (लोगों की) आजीविका के पारंपरिक साधन और इस द्वीप की अनोखी संस्कृति नष्ट हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में पवार ने उनसे दखल देने की मांग की और कहा कि प्रशासक द्वारा लिये गये निर्णय 'अवांछनीय एवं अतार्किक' हैं। दमन एवं दीव के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल को पिछले साल दिसंबर में लक्षद्वीप का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। उनके नये नियमों जिनमें असामाजिक गतिविधि रोकथाम विनियम, 2021, लक्षद्वीप पशु संरक्षण विनियम, 2021 और कोविड-19 से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में बदलाव शामिल हैं, का विरोध किया जा रहा है। नयी कोविड-19 एसओपी में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की गयी है। पवार ने कहा, लक्षद्वीप प्रशासक द्वारा लिये गये निर्णयों से आजीविका के पारंपरिक साधन और इस द्वीप की अनोखी संस्कृति नष्ट हो जाएगी। उनसे (नियमों) पहले ही बड़ी अशांति पैदा हो गयी है और उनका विरोध किया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मांग की कि लक्षद्वीप के वर्तमान प्रशासक के आदेश और नियमों पर पुनर्विचार हो और लक्षद्वीप प्रशासन को इन अतार्किक एवं अवांछनीय आदेशों को वापस लेने का जरूरी निर्देश दिया जाए। दिन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में नए नियमन के मसौदे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सागर में स्थित भारत के इस 'आभूषण' को नष्ट किया जा रहा है। उनके इस बयान से एक दिन पहले कांग्रेस ने लक्षद्वीप के प्रशासक को हटाने की मांग की थी।