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मुंबईः महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों के प्रसार को रोकने 1 जून तक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू हैं और इस बीच महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने मंगलवार को राज्य में आधी वयस्क आबादी का टीकाकरण पूरा किए बिना प्रतिबंधों को हटाने को लेकर आगाह किया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 50 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीका लगाए बिना प्रतिबंध हटाने से संक्रमण की एक नई लहर आ सकती है.

शेख ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अगर मुंबई और राज्य में आधी आबादी के टीकाकरण को पूरा किए बिना लॉकडाउन हटा दिया जाता है तो यह कोरोना वायरस को दोबारा निमंत्रण देना होगा. राज्य मंत्रिमंडल अभी इस पर विचार कर रहा है कि व्यापारियों को कुछ राहत देने के लिए कैसे छूट दी जाए."

मंत्री असलम शेख ने आगे कहा कि “स्टेट कोविड-19 टास्क फोर्स अपनी समीक्षा बैठकों में सभी पहलुओं पर चर्चा करने जा रही है. सरकार कुछ दुकानों को संचालित करने के लिए प्राथमिकता देने पर विचार कर रही है, किन सर्विस को दूसरों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए. मौजूदा स्थिति के व्यापक आकलन के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. " 

 महाराष्ट्र, देश का कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. हालांकि, राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने की कोशिशों के बीच मरीजों के लिए होम आइसोलेशन के विकल्प को रोक दिया है और इसके बजाय उन क्षेत्रों में संस्थागत क्वारंटाइन लागू किया गया है जहां हाई कोविड पॉजिटिविटी रेट है.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, "हमने उन 18 जिलों के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन रोकने का फैसला किया है, जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है. इन जिलों के मरीजों को क्वारंटाइन सेंटर जाना होगा, होम आइसोलेशन की इजाजत नहीं होगी."  ये 18 जिले पुणे, ठाणे, सतारा, सिंधदुर्ग, रत्नागिरी, उस्मानाबाद, बीड, रायगढ़, हिंगोली, अकोला, अमरावती, कोल्हापुर, सांगली, गढ़चिरौली, वर्धा, नासिक, अहमदनगर और लातूर हैं.


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