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मुंबई : एक तरफ जहां मुंबई सहित राज्य में कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से कोरोना संक्रमित पीड़ित हैं, वहीं दूसरी तरफ इस महामारी के दौरान कई जगहों पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आ रहा है। मुंबई के केईएम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से करोड़ों रुपये गबन किया गया है। इस घोटाले के सिलसिले में भोईवाड़ा पुलिस ने एक अकाउंटेंट राजन राउल को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरा साथी श्रीपद देसाई फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, इन पर केईएम अस्पताल के खातों से 5 करोड़ पैसे निकालने का आरोप है।

केईएम हॉस्पिटल एंड कॉलेज में 5 करोड़ 23 लाख 96 रुपये का घोटाला हुआ है। इसमें दो लोगों का नाम अकाउंटेंट राजन राउल और श्रीपद देसाई सामने आया है। दोनों आरोपी संगठन के पूर्व डीन डॉक्टर अविनाश सुपे और डॉक्टर निर्मला रेगे की जाली हस्ताक्षर करते थे और इसके बाद अस्पताल प्रशासन के खाते से कंपनी के नाम पर पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता था। जांच में पता चला है कि इन्होंने न सिर्फ कंपनी बल्कि दूसरे खातों में भी पैसे डायवर्ट किए है। यह घोटाला सेठ गोवर्धन सुंदरदास मेडिकल कॉलेज और केईएम अस्पताल के खातों में हुआ है। केईएम के अधीक्षक हेमंत देशमुख ने भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी और पुलिस ने आईपीसी की धारा 408,420,465,467,468,471,477 (a) और 34 के तहत हॉस्पिटल अकाउंटेंट राजन राउल और श्रीपद देसाई के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। 

संगठन के अध्यक्ष और केईएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हेमंत देशमुख ने बताया कि केईएम अस्पताल के 60 साल पूरे होने के अवसर पर,तत्कालीन संकाय-शिक्षकों और पूर्व छात्रों की पहल से 1991 के आसपास डायमंड जुबली सोसाइटी ट्रस्ट नामक एक स्वायत्त संगठन की स्थापना की गई थी। यह स्वायत्त निकाय मुख्य रूप से चिकित्सा अनुसंधान और सहायक कार्य करता है।साथ ही संस्थान पूरी तरह से स्वायत्त है और बीएमसी या केईएम अस्पताल के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।  पुलिस की जांच में सामने आया है कि पिछले 11 साल से यह घोटाला किया जा रहा है और अभी तक 5 करोड़ 23 लाख 96 हजार रूपए का गबन किया गया है, अभी तक पुलिस ने राजन राउल को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरा श्रीपद देसाई फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। 

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