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मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 18 से लेकर 44 साल की उम्र के सभी नागरिकों का मुफ्त में कोरोना वैक्सीनेशन करवाने का फैसला लिया है। यह निर्णय महाराष्ट्र की केबिनेट मीटिंग में लिया गया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है। इस टीकाकरण अभियान के बारे में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नागरिकों को पूर्व सूचना दी जाएगी ताकि वैक्सीनेशन सेंटर पर अनावश्यक भीड़ लगे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लगभग सवा साल से कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई शुरू है। जनवरी से केंद्र सरकार के सहयोग से टीकाकरण का अभियान शुरू है।

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि 18 से 44 साल की उम्र वाले लोगों के लिए अलग से वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सीधे सेंटर पर जाकर वैक्सीन नहीं मिलेगी। इसके लिए पहले कोविन ऐप का इस्तेमाल करना जरूरी है। वहां पर रजिस्ट्रेशन के बाद में ही आपको वैक्सीन मिलना संभव हो पाएगा। सभी को स्लॉट फिक्स करके ही वैक्सीनेशन सेंटर पर जाने की मंजूरी दी जाएगी।

आगामी 1 मई से होने वाले मास वैक्सीनेशन को फिलहाल शुरू नहीं किया जाएगा क्योंकि राज्य सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में व्यक्ति उपलब्ध नहीं है। लिहाजा यह टीकाकरण अभियान तब शुरू किया जाएगा जब वैक्सीन उचित मात्रा में उपलब्ध होगी।

महाराष्ट्र सरकार पर यह आरोप भी लगा था कि यहां सबसे ज्यादा वैक्सीन बर्बाद हो रही है। इस मसले पर सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि पहले यह दो पर्सेंट तक हो रहा था लेकिन अभी से घटाकर एक परसेंट तक लाया गया है। इस लिहाज से महाराष्ट्र में सबसे कम वैक्सीन खराब हो रही है।

इस मुफ्त टीकाकरण अभियान के लिए सरकार तकरीबन 6500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसके लिए 12 करोड़ वैक्सीन खरीदी जाएगी। इस महा टीकाकरण अभियान को अगले 6 महीनों में खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।

कोवैक्सीन की तरफ से अगले दो महीने तक सिर्फ 10-10 लाख डोज़ मिलेगी जबकि जुलाई और अगस्त महीने में 20-20 लाख डोज़ मुहैया करवाई जाएगी। वहीं कोविड शील्ड ने एक करोड़ वैक्सीन देने की बात कही है। इनके अलावा अन्य कंपनियों से भी बातचीत शुरू है। टोपे ने बताया कि हम रोजाना 13 लाख लोगों का रोजाना वैक्सीनेशन कर सकते हैं।

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