Latest News

पटना। नीतीश मंत्रिमंडल ने बिहार पंचायत चुनाव को 10 चरण में कराने पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके अलावा पंचायत चुनाव में 90 हजार बैलेट यूनिट ( BU ) यानी EVM खरीद के लिए 122 करोड़ रुपये का आवंटन भी कर दिया है। इसके अलावा लघु जल संसाधन विभाग से 2 अभियंता को जबरन सेवानिवृति पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। नीतीश मंत्रीमंडल की बैठक में छात्रवृति के लिए 75 फीसदी अटेंडेंस अनिवार्यता खत्म कर दिया गया है और भोजपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 550 करोड़ राशि जारी कर दी गई है।इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) मतों को दर्ज करने का एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन दो इकाइयों से बनी होती हैं - एक कंट्रोल यूनिट और एक बैलेटिंग यूनिट। ये दोनो पाँच मीटर केबल से जुड़ी होती हैं। कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखी जाती है और बैलेट यूनिट को मतदान कम्पार्टमेंट के अंदर रखा जाता है। मतपत्र जारी करने के बजाय, कंट्रोल यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी कंट्रोल यूनिट पर मतपत्र बटन दबाकर एक मतपत्र जारी करते है। इसके बाद मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार और सिंबल के सामने बैलेट यूनिट पर नीले बटन को दबाकर अपना वोट डालते हैं।

चुनाव आयोग ने बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि इस बार बिहार में मुखिया - सरपंच का चुनाव EVM से कराया जाएगा। यानी बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार मल्टी पोस्ट ईवीएम (Multi Post - EVM) का इस्‍तेमाल किया जाएगा। बता दें कि पहले पंचायत चुनाव की प्रक्रिया बैलेट पेपर के जरिए पूरी की जाती थी जिसमें अलग-अलग मतपत्रों पर मुहर लगाने की व्यवस्था थी। लेकिन, इस बार हर बूथ पर मल्‍टी पोस्‍ट ईवीएम की व्‍यवस्‍था की जाएगी। ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने के राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर बिहार सरकार ने भी मुहर लगा दी है।

बिहार सरकार द्वारा पंचायत चुनाव में मल्टी पोस्ट ईवीएम से चुनाव कराने के प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद यह तय हो गया है कि पंचायत चुनाव मल्टी पोस्ट EVM के जरिए ही होंगे। बता दें कि मल्टी पोस्ट ईवीएम के जरिए मतदाता एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत जन प्रतिनिधियों में वार्ड सदस्य, मुखिया, पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों ( सभी छह पद ) के लिए एक साथ वोट कर सकेंगे। वही मल्टी पोस्ट ईवीएम के जरिए मतदान कराए जाने के बाद मतगणना के कार्य में भी काफी सहुलियत मिलेगी।

बता दें कि 2016 के हुए पंचायत चुनाव में राज्य में 1 लाख 19 हजार बूथ बनाए गए थे। इस बार बूथ की संख्या बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है, बताया गया कि पंचायत चुनाव के लिए बिहार के सभी मतदान केंद्रों की सूची का अंतिम प्रकाशन 2 मार्च तक कर दिया जाएगा। राज्य चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर कह है कि सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) का होगा। इसके अलावा मतदान केंद्रों का फाइनल लिस्ट आयोग के सहमति से ही प्रकाशित किया जाएगा। बिहार में पंचायत चुनाव के तहत एक जिले की सभी पंचायतों में एक ही दिन में चुनाव होगा। एक जिले में किसी भी स्थिति में चुनाव के लिए दो तारीख तय नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के से मिली जानकारी के अनुसार जिलों में एक ही साथ चुनाव कराए जाएंगे। इसके अलावा बूथों की संख्या और जिलों के लिए ईवीएम की उपलब्धता के आधार पर भी इसका निर्धारण किया जाएगा। इसके अलावा बिहार विधानसभा चुनाव में ड्यूटी कर चुके मतदानकर्मी को ही पंचायत चुनाव में लगाया जाएगा।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement