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जीरो बैलेंस वाले बैंक खाते से चूना लगाने वाला अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय

मुंबई : साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने के मामले में कुछ महीने पहले जिस अरशद नामक अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह जमानत पर छूटने के बाद मुंबई में रहने वाले एक दोस्त के साथ मिलकर मुंबई से बाहर रहने वाले लोगों को नामचीन बैंकों से भुगतान संबंधी फर्जी संदेश (फेक मेसेज) भेजकर ऑनलाइन तरीके से ठगने का काम शुरू कर दिया है। अरशद को यूपी की आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी अरशद ने जांच अधिकारियों को बताया कि वह मुंबई में रेडिमेड कपड़ों का कारोबार करता था। कोरोना काल में उसके व्यवसाय में घाटा लगने से उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। इससे वह परेशान हो गया। इस दौरान पश्चिम मुंबई निवासी उसके एक दोस्त से उसकी अचानक मुलाकात हुई। इस दोस्त ने उसने कहा कि अगर वह अपने बैंक खाते में उसके द्वारा भेजे गए रकम को ट्रांसफर करेगा, तो इसके बदले उसको उक्त रकम का 10 प्रतिशत हिस्सा उसे दिया जाएगा। अरशद इसके लिए तैयार हो गया। कुछ दिन तक तो बैंक के फर्जी ऑनलाइन पेमेंट प्रक्रिया के नाम पर रकम भेजने का ऑनलाइन ठगी का धंधा जारी रहा, लेकिन मुंबई साइबर सेल ने जल्दी ही अरशद को अंधेरी स्थित एक बिजनेसमैन की शिकायत पर धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

मुंबई साइबर सेल में अरशद से जुड़े इस केस के बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अरशद का साथीदार अभी भी फरार है। अरशद यूपी के शाहगंज का निवासी है। उसने जांच के दौरान पुलिस को बताया था कि अपने साथी मकबूल अली के साथ वह ऑनलाइन फेक पेमेंट के जरिए दुकानदारों को चूना लगाया करता था। इसके लिए वह किसी दुकान में जाकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या रेडिमेड सामानों की खरीदारी करता और भुगतान के समय कैश की बजाय ऑनलाइन पेमेंट किया करता था। मगर, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन प्रक्रिया के दौरान ये लोग अपने उस बैंक खाते का इस्तेमाल करते थे, जिसमें कोई बैलेंस ही नहीं रहता था।

दुकानदारों को भरोसा दिलाने के लिए ये लोग दुकानदारों के सामने ही NEFT से रकम ट्रांसफर करने का दिखावा करते, लेकिन ट्रांजेक्शन करते समय पूरी प्रक्रिया इनके मोबाइल पर अंडर प्रॉसेस ही लिखकर दिखाई देने लगता था। इसे ये लोग उस दुकानदार को दिखा देते। इस बीच इनके दूसरे साथी अपने दूसरे मोबाइल पर बैंक से रकम ट्रांसफर होने का फेक मैसेज तैयार कर लेते और इस मेसेज को उस मोबाइल पर ट्रांसफर कर लेते थे, जिससे वे ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर करने का दुकानदार के सामने दिखावा करते थे। अब इस नए फेक ऑनलाइन पेमेंट मेसेज को उस दुकानदार को दिखा देते थे, जिनसे सामानों की खरीदारी किए हुए थे। बैंक का मैसेज देखने के बाद दुकानदार को जहां तसल्ली हो जाता वहीं ये लोग वहां से सामान लेकर निकल जाते और बाद में दुकानदार को उक्त बैंक से कोई रकम ही नहीं मिलता था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक मुंबई से भागकर वह कुछ दिन दिल्ली में रहकर कई लोगों से ठगी की और इसके बाद आगरा में रहकर वारदात को अंजाम देने लगा। इस मामले में जल्दी ही मुंबई साइबर सेल अरशद से दोबारा पूछताछ कर सकती है, क्योंकि उसका दोस्त मकबूल अभी फरार चल रहा है, जो नामजद आरोपी है।


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