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मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने दिवाली की पूर्व संध्या पर राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को कड़े नियमों के साथ खोलने का आदेश जारी किया था। लेकिन अब इस आदेश के बाद राजनीतिक दलों में इसका श्रेय लेने की होड़ लग गई है। इसी बात पर बीजेपी नेता निलेश राणे ने अघाड़ी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार और हिंदू धर्म का कोई लेना देना नहीं है'।

निलेश राणे ने अपने ट्वीट में महाविकास अघाड़ी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने लिखा कि हिंदू धर्म और महाविकास अघाड़ी सरकार का कोई लेना देना नहीं रह गया है। कोरोना महामारी के चलते महाराष्ट्र में बीते आठ से नौ महीनों के दौरान धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया था। जिनको खोलने के लिए कई बार अलग-अलग जगहों पर सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा आंदोलन भी किया गया। आखिरकार सरकार ने अब इस पर फैसला लेते हुए धार्मिक स्थलों को जनता के लिए नियमों के साथ खोल दिया है। इस फैसले के बाद कई लोगों ने ऑनलाइन दर्शन किए तो कई लोगों मंदिर के अंदर जाकर दर्शन करने का सौभाग्य मिला। 

भाजपा नेताओं ने इस फैसले के बाद कई मंदिरों के बाहर इकट्ठा होकर जल्लोष किया और कहा कि हमारे आंदोलन और मांग की वजह से सरकार ने मंदिरों को जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया। प्रवीण दरेकर, तुषार भोसले समेत अन्य नेताओं ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए। इसकी जीत का श्रेय लेने का प्रयास किया।

एनसीपी नेता रोहित पवार ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि कोरोना काल के दौरान सरकार की पहली प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा और उनकी जान की रक्षा करना था। अभी भी कोरोना का संकट टला नहीं है। मंदिर खोलने में कोई देरी हुई ऐसा प्रतीत नहीं होता है। मंदिर खोलने का निर्णय सरकार ने बिल्कुल सही समय पर लिया है।


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