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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी तरीके से असली आधार, पैन और वोटर कार्ड बनाकर बैंक से ठगी कर रहे थे. पुलिस ने इस मामले में उमेश चंद्र और रवि सचदेवा नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. 

पुलिस की जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपी उमेश चंद्र पहले M/s Karvi नाम की कंपनी में काम करता था. जिसे UIDAI ने अपना डाटा प्रोसेस करने की इजाजत दे रखी थी. उमेश को इस बात की जानकारी थी कि आधार कैसे डाटा प्रोसेस करती है. और इसी के बाद इसने मंगोलपुरी इलाके में अपना दफ्तर खोला और आधार के लिए काम करने वाली कंपनियों के एजेंट के तौर पर काम करने लगा. यहीं से इसने जालसाजी का रास्ता चुना और अपराधियों के लिए फर्जी लेकिन असली आधार बनाने शुरू कर दिए.

 उमेश को इस बात की जानकारी थी कि आधार बनाने के लिए बायोमेट्रिक की जरूरत होती है. और एक बायोमेट्रिक पर सिर्फ एक ही आधार बनाया जा सकता है. इसलिए इसने फर्जी नाम और पते के साथ आरोपियों की अलग-अलग तरीके से फोटो खिंचवा कर सेव लीं. और बायोमेट्रिक के लिए पैरों के निशान, बच्चों के निशान (क्योंकि 12 साल के बाद उनमें बदलाव आ जाता है) और सड़कों पर आवारा घुमने वाले लोगों के बायोमेट्रिक लेकर आधार बनाने शुरू कर दिए. जिससे कोई भी पकड़ में ना आए. आधार कार्ड के बाद ही आरोपी पैन और वोटर कार्ड भी बनावाया करते थे ताकी किसी तरह का शक ना रहे.  

हालांकि उसकी सभी तरकीबें बेकार रहीं और पुलिस ने आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद फर्जी आधार बनाने के सामान भी जब्त कर लिया है. इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब जरूरत है कि सरकार आधार बनाने के लिए सुरक्षा के सभी नियम सख्त करे ताकी इस तरह की जालसाजी से बचा जा सके. 


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