पुणे : NIA ने 83 साल के फादर स्टेन स्वामी को क्यों किया गिरफ्तार?
पुणे : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने महाराष्ट्र में 2018 भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया है। 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। कोरेगांव भीमा मामले की जांच कर रही एनआईए की एक टीम ने गुरुवार नामकुम स्टेशन परिसर में फादर स्टीन स्वामी को गिरफ्तार किया।
बताया जा रहा है कि स्वामी को उनके निवास स्थान से पकड़ा गया। यहां पर उन्हें हिरासत में रखकर लगभग 20 मिनट तक पूछताछ की गई और उसके बाद एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। स्वामी को आज (शुक्रवार) एनआईए अदालत में पेश कर सकती है। 1 जनवरी, 2018 को पुणे के कोरेगांव भीमा गांव में दलित और मराठा समुदायों के बीच हिंसा भड़की। उसी मामले में स्वामी को गिरफ्तार किया गया है। केरल के मूल निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाने वाले फादर स्टेन स्वामी लगभग पांच दशकों से झारखंड में आदिवासियों के साथ काम कर रहे हैं। इसीलिए स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध किया जा रहा है।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि 'फादर स्टेन स्वामी ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ते हुए बिताया है। इसलिए मोदी सरकार ऐसे लोगों को चुप कराना चाहती है। क्योंकि इस सरकार के लिए, कोयला खनन कंपनियों को लाभ पहुंचाना, आदिवासियों के जीवन और रोजगार से ज्यादा महत्वपूर्ण है।' आपको बता दें कि कोरेगांव भीमा मामले में अब तक कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और विचारकों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
महाराष्ट्र के पुणे से 40 किलोमीटर दूर 1 जनवरी 2018 को कोरेगांव-भीमा गांव में दलित समुदाय के लोगों का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसका कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया था। यलगार परिषद के सम्मेलन के दौरान इस इलाके में हिंसा भड़की थी, जिसके बाद भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और दुकानों-मकानों में तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा में एक शख्स की जान चली गई और कई लोग जख्मी हो गए थे। इस मामले में नवलखा, तेल्तुम्बडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ माओवादियों से कथित रूप से संपर्क रखने के कारण मामले दर्ज किए थे।