Latest News

नयी दिल्ली : भारत-चीन तनाव में आखिर भारत ने एक और जीत एक तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। आखिर  पिछले पांच महीनों से बॉर्डर पर अपने कुत्सित इरादों से जुटे चीन को भारत के सामने घुटने टेकने पड़े। जी हाँ लम्बी बातचीत के बाद बीते मंगलवार को भारत  और चीन की सेनाओं ने अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने का निर्णय लिया है। बता दें कि चीन पिछले पांच महीनों से लद्दाख सीमा के अलग-अलग हिस्सों में चीन लगातार घुसपैठ की पुरजोर कोशिश में लगा था। लेकिन हर बार उसे मुंह कि खानी पड़ी। वहीं यह देखने के बाद कि अब जमीनी स्तर पर भारत मजबूत होकर खड़ा है मजबूरन चीन को समझौते के लिए मानना ही पड़ा।
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता के संबंध में भारतीय सेना और चीनी सेना ने मंगलवार देर शाम एक संयुक्त बयान में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को स्थिर करने के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने गहराई से विचारों का अदान-प्रदान किया और दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के ईमानदारी से क्रियान्वयन पर सहमत हुए।
मई के बाद से ही जब तनाव की स्थिति पैदा हुई और अगस्त तक खिंचती चली गई। तब दोनों देशों ने सैनिकों की तैनाती कर दी, इसकी शुरुआत चीन ने की थी। चीन लगातार LAC के उस पार पचास हजार के करीब सैनिकों को जुटा रहा था, जिसके जवाब में भारत ने भी बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया। यही कारण रहा कि बार-बार युद्ध जैसी बातें की जाने लगीं। इस बीच मंगलवार को दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। 14 घंटे की बैठक में ये बात सामने आई कि अब दोनों देश बॉर्डर पर और सैनिक नहीं बुलाएंगे।
बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत होने के साथ ही अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने, जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए।
इसमें कहा गया कि भारतीय और चीनी सेना ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने को सहमत हुईं जो स्थिति को जटिल बना सकती हैं। इसके साथ ही दोनों पक्ष समस्याओं को उचित ढंग से सुलझाने, सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने पर सहमत हुए। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द सैन्य कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता करने पर सहमत हुए। लेकिन भारत अभी भी पूरी तरह से सतर्क है, क्योंकि चीन इससे पहले भी ऐसे वादे करके भूलता रहा है।
पिछले पांच महीनों का ये विवाद अब सर्दियों तक खिंचने की आशंका है। क्योंकि जहाँ अभी-अभी  दोनों देशों ने और सैनिक ना बुलाने की बात कही है, लेकिन पहले से ही मौजूद हजारों सैनिक कि कब वापसी होगी  और चीन LAC के जिन इलाकों में आगे बढ़ आया है वहां से वह कब लौटेगा इसकी फिलहाल तो कोई रूपरेखा तय नहीं हुई  है। ऐसे में अब आने वाली सर्दियों में भी बॉर्डर पर भारत की ओर से भरी सतर्कता रह सकती है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना पहले ही यह संकेत दे चुकी है कि वो किसी भी परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है और सीमा से अब बिल्कुल पीछे नहीं हटने वाले हैं।

Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement