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महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में आने वाले कुछ दिनों में राज्य सरकार धार्मिक स्थलों और रेस्टॉरेंट्स को सीमित संख्या के साथ खोलने पर विचार कर रही है। जल्द इस पर फैसला होने की संभावना जताई जा रही है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए बनायी गई टास्क फोर्स की बैठक में हुआ निर्णय। राज्य में मार्च महीने से बंद धार्मिक स्थलों को वापस खोलने की मांग बीते कुछ दिनों से अलग अलग राजनीतिक दल और लोग कर रहे हैं। इस विषय पर अब राज्य सरकार जल्द फैसला लेगी और जल्द ही सीमित संख्या के साथ खोले जाने की संभावना जताई जा रही है। राज्य में ई दर्शन के जरिये भक्तों को भगवान के दर्शनों का लाभ मिलेगा। इसी प्रकार मंदिर में जाकर दर्शन के लिए भी पहले से टाइम स्लॉट बुक किया जा सकेगा। इस तरह भीड़ को बढ़ने से रोक जा सकेगा।

कोविड टास्क फ़ोर्स की बैठक में हुई चर्चा के आधार पर राज्य के गृह विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य के बड़े और अहम मंदिरों से जानकारी जुटाई जा रही है। शिरडी साईं संस्थान, सिद्धिविनायक , पंढरपुर विट्ठल मंदिर, जैसे अहम जगहों का भौगोलिक अध्ययन किया जाएगा और एसओपी (sop) बनाई जाएगी। भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने, स्वच्छता गृह, प्रसादालय और पूजा पाठ जैसे जरूरी बातों के लिए नियम बनाए जाएंगे।

अब तक रेस्टॉरेंट्स में पार्सल की सुविधा उपलब्ध है लेकिन अब यहां भी दस प्रतिशत लोगों के बैठने की अनुमति देने पर विचार की जा रहा है। भले ही मंदिर और रेस्टॉरेंट्स को खोले जाने की बात सामने आ रही है लेकिन लोकल सेवा की बहाली को लेकर अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। जबतक मुंबई और आसपास के इलाकों में कोरोना का असर कम नहीं होता है तब तक लोकल सेवा शुरू होने की संभावना काफी कम है। कोविड टास्क फोर्स की बैठक में स्कूलों के खोलने पर भी कोई फैसला नहीं किया गया है। इसलिए लोकल ट्रेन की तरह स्कूल भी बंद रहेंगे आने वाले कुछ समय तक।


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