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मुंबई : कोविड-19 के दौरान रेलवे स्टेशनों पर कड़ा पहरा और सघन जांच होने के बावजूद ट्रेनों में टिकट धांधली और अवैध तरीके से यात्रा करने के मामले सामने आए रहे हैं। मध्य रेल द्वारा सघन टिकट जांच अभियान में उपनगरीय ट्रेनों के 668 मामले और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 481 मामले पकड़े गए। लंबी दूरी की ट्रेनों में अवैध रूप से टिकट स्थानांतरित करने और वरिष्ठ नागरिकों के कोटे से टिकट बुक कराने के मामले सामने आए हैं। 

लगातार टिकटों की धांधली के मामले सामने आने के बाद मध्य रेलवे ने आरपीएफ की सहायता से वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर सघन जांच के अभियान चलाए हैं। मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार के अनुसार, कोविड 19 और देशव्यापी लॉकडाउन और अनलॉक के मद्देनजर, मध्य रेल ने आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए विशेष उपनगरीय सेवाएं चला रही है। इन ट्रेनों में कोई अन्य यात्री, यात्रा न करे, यह सुनिश्चित करने के लिए, मध्य रेल का मुंबई मंडल अनियमित यात्रा करने वाले यात्रियों के खिलाफ समय-समय पर सघन टिकट चेकिंग अभियान चला रहा है।

मध्य रेलवे के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों में धोखाधड़ी करने वाले यात्रियों की जांच के लिए 12 अगस्त से 31 अगस्त तक विशेष अभियान भी चलाया गया। इस दौरान 02533 लखनऊ जंक्शन-सीएसएमटी, 01094 वाराणसी-सीएसएमटी और 02541 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस में टिकट धांधली के कुल 420 मामले सामने आए। इन यात्रियों से 5.54 लाख रुपये की राशि जुर्माना के रूप में वसूल किए गए ।

इसी दौरान मुंबई मंडल के एंटी-टाउट स्क्वॉड द्वारा इगतपुरी और लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बीच ट्रेन नंबर 02142 -पाटलिपुत्र-एलटीटी में दिनांक 3 सितम्बर पर एक विशेष चेकिंग ड्राइव भी आयोजित की गई। ड्राइव के दौरान अनियमित यात्रा के 61 मामलों का पता लगाया गया, जिसमें सिस्टम द्वारा ई-टिकट पर टिकट के अनुचित रूपांतरण के 36 मामले, वरिष्ठ नागरिक कोटा के दुरुपयोग के 10 मामले, टिकट के हस्तांतरण के 8 मामले और बिना टिकट यात्रा करने के 7 मामले शामिल हैं। इन मामलों से कुल राशि रु 88,890 रुपए का जुर्माना के रूप में वसूला गया। 

लंबी दूरी की ट्रेनों में गड़बड़ियों के साथ ही लोकल ट्रेनों में फर्जी पहचान पत्र पर यात्रा करने के मामले सामने आ रहे थे। पिछली 12 अगस्त से 03 सितम्बर तक मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी जांच की गई। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों और 205 टिकट चेकिंग स्टाफ की एक टीम द्वारा अनियमित यात्रा के 668 मामले पकड़े और जुर्माना के रूप में 22.81 लाख रुपये की वसूली की गई। मुंबई लोकल में अभी भी अतिआवश्यक सेवाओं से जुडे़ सभी यात्रियों के QR कोड वाले पास नहीं बन पाए हैं। जिनके पास नहीं बने हैं उनका फायदा उठाकर प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा फर्जी पहचान पत्र बनाने के मामले सामने आए हैं। पिछले दिनों वडाला रोड और बोरिवली स्टेशन पर जीआरपी द्वारा केस भी दर्ज किया गया था।


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