मुंबई : 40 रूट पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की प्रक्रिया तेज
मुंबई : आखिरकार रेलवे ने देशभर के विभिन्न रूट पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। रेल मंत्रालय ने देशभर के 109 रूटों को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर लाने का फैसला किया है। इनमें से मुंबई के 40 अप-डाउन रूट को चुना गया है।
गौरतलब है कि अभी देश के तीन रूट पर आईआरसीटीसी संचालित निजी ट्रेनें चल रही हैं। इनमें से मुंबई-अहमदाबाद रूट भी एक है। नई प्राइवेट ट्रेनों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का टेंडर आमंत्रित किया गया है। 12 क्लस्टर में देशभर के महत्वपूर्ण 109 रूट शामिल किए गए हैं, जिनमें मुंबई से 40 रूट पर प्राइवेट ट्रेनें अप-डाउन करेंगी। इनमें से कुछ ट्रेनें रोजाना, तो कुछ ट्रेनें साप्ताहिक होंगी।
160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन
प्राइवेट ट्रेनों में रेलवे का महज गार्ड, ड्राइवर और इंजन रहेगा, जबकि डिब्बे तक नई डिजाइन के तहत सुविधाजनक होंगे। यात्रियों को वेटिंग टिकट न मिले और कन्फर्म टिकट ही मिले, इसका विशेष खयाल रखा जाएगा। 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली इन ट्रेनों में 16 से अधिक डिब्बे होंगे और ये ट्रेनें अपने गंतव्य स्टेशन तक निर्धारित किए गए समय पर ही पहुंचेंगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव की इसी सप्ताह हुई विडियो कॉन्फ्रेंस में इन ट्रेनों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। रेलवे के ऑपरेटिंग विभाग को विशेष हिदायत दी गई है कि इन ट्रेनों के रूटों का सिग्नल ग्रीन ही रखें। प्राइवेट ट्रेनों को परिचालन को लेकर कई सारे सवाल हैं। इसमें रेलवे ने स्पष्ट किया है कि प्राइवेट ट्रेनों को जरिए रेलवे को मुनाफे में लाने की कवायद हो रही है, जबकि इस दौरान किसी भी रूट पर सामान्य ट्रेनों को बंद नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर भी 25 से ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं, इसके बावजूद प्राइवेट ट्रेन चलाई जा रही है। आईआरसीटीसी के अनुसार, प्राइवेट ट्रेनों में यात्रियों के लिए लग्जरी की व्यवस्था होगी और इसके जरिए रेलवे की आमदनी बढ़ानी है। मौजूदा तेजस एक्सप्रेस में खान-पान की उत्तम व्यवस्था और मनोरंजन के लिए टीवी स्क्रीन भी लगाए गए हैं।
यह है पीपीपी मोड
यूपीए सरकार के दौर से ही रेलवे में पीपीपी मोड की बात हो रही है। इस प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के तहत निजी कंपनियां रेल सेवा में अपनी भागीदारी करेंगी। इसमें रेलवे की मॉनिटरिंग भी रहेगी, जबकि इसका रख-रखाव भी निजी कंपनी द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए विशेष व्यवस्था दी जाएगी। सिर्फ ट्रेनों के परिचालन ही नहीं, कई मामलों में रेलवे पीपीपी मोड पर काम कर रही है। इसमें स्टेशन का रख-रखाव भी शामिल है।