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ठाणे : ठाणे के निजी कोविड अस्पतालों के बिलों की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अस्पतालों द्वारा की गई लाखों रुपये की अतिरिक्त वसूली के नए मामले सामने आ रहे हैं। 10 से 18 जुलाई के बिलों में 27 लाख रुपये की अधिक वसूली का खुलासा हुआ था। वहीं अब 20 से 25 जुलाई के बीच के बिलों की जांच में 30 लाख रुपये की अधिक वसूली का नया मामला सामने आया है। विभिन्न अस्पतालों के 40 से 48 फीसद बिल आपत्तिजनक पाए गए हैं। हालांकि इस बारे में अस्पतालों का कहना है कि बीमा कंपनी द्वारा उन्हें उनके बिल के हिसाब से नहीं, बल्कि उनमें काफी कटौती कर बिल की राशि बतौर क्लेम दी गई है। इसलिए मनपा की जांच में सामने आए बिल की राशि और मूल रूप से अस्पतालों को मिली राशि में बड़ा अंतर है। 

अस्पतालों का कहना है कि उनकी तरफ से मरीजों से बड़े पैमाने पर अधिक वसूली की बात गलत है। दूसरी तरफ मनपा के लेखा परीक्षण विभाग की जांच के बाद अस्पतालों ने मरीजों से ली गई आपत्तिजनक वसूली की राशि वापस देने शुरुआत की है। मनपा के लेखा परीक्षण विभाग के प्रमुख किरण तायडे के अनुसार, पिछले पांच-छह दिनों में चार अस्पतालों ने 36 मरीजों को 1 लाख, 88 हजार, 565 रुपये वापस किए हैं। 

बार-बार मिलती शिकायतों के चलते मनपा के लेखा परीक्षण विभाग की तरफ से अस्पतालों में 10 से 18 जुलाई के दौरान भर्ती मरीजों के 486 बिलों की पड़ताल की गई थी, जिनमे 196 बिलों को लेकर विभाग ने आपत्ति जताई थी और उनमें अस्पतालों की तरफ से 27 लाख रुपये अधिक वसूलने का खुलासा हुआ था। उक्त खुलासे के बाद आयुक्त विपिन शर्मा ने सभी से उनका जवाब मांगने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मनपा ने सभी अस्पतालों को नोटिस जारी किया था। नोटिस का निश्चित समय में जवाब न देने के कारण मनपा ने होराईजन प्राइम अस्पताल के कोविड दर्जे को खत्म कर दिया है और उसके रजिस्ट्रेशन को एक माह के लिए रद्द कर दिया गया है। 


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