प्रवासी मजदूरों के हाल पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं एवं बदहाली को लेकर स्वत: संज्ञान मामले में विस्तृत हलफनामा न दायर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को गुरुवार को आड़े हाथों लिया और अगले सप्ताह तक फंसे हुए मजदूरों की वास्तविक स्थिति को लेकर विस्तृत ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार के रवैये को लेकर गहरी नाराजगी जतायी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि बेहतर होगा कि वह महाराष्ट्र सरकार को समझाएं और अगले सप्ताह तक राज्य वापस लौटने का इंतजार कर रहे मजदूरों की विस्तृत जानकारी न्यायालय को उपलब्ध करायें।
प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि कोरोना संकट के चलते विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर महीने में लेना संभव नहीं है। सामंत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से परीक्षाओं के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथवा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात करने के लिए आग्रह करूंगा। सामंत ने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षाएं नहीं ले सकने को लेकर पत्र लिखा है।
राज्य में घुमंतू जनजाति 'क प्रवर्ग' के धनगर समाज के लिए आवास बनाने की योजना को अहिल्यादेवी होलकर आवास योजना नाम दिया गया है। गुरुवार को राज्य के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विकास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने यह जानकारी दी। वडेट्टीवार ने कहा कि अहिल्यादेवी लोकप्रिय, उदार, मेहनती, सुधारवादी, कुशल और न्यायप्रिय शासक थीं। उन्होंने घाट, कुएं, मंदिर और धर्मशालाओं का निर्माण किया। सर्वधर्म समभाव के सौहार्द को कायम रखते हुए महिलाओं का सम्मान बढ़ाने का प्रयास किया। उन्होंने वस्त्रोद्योग, कुटीर उद्योग को गति देने का काम किया। इसलिए सरकार ने आवास योजना को उनका नाम देने का फैसला किया है।