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मुंबई  : कोरोना वायरस का कहर झेल रही मुंबई के लिए जुलाई का महीना राहत ला सकता है। बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने दावा किया है कि जुलाई मध्य तक मुंबई में कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण की तैयारी है। कमिश्नर ने अपने दावे के समर्थन में कहा कि मुंबई में कोरोना मरीजों का डबलिंग रेट 37 दिन तक पहुंच गया है। कई इलाकों में डबलिंग रेट 79 दिन तक पहुंच गया है। बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने दावा किया कि वरली, धारावी, भायखला, देवनार, गोवंडी, बैगनवाडी जैसे हॉटस्पॉट एरिया में स्थिति नियंत्रण में है। हॉस्पिटल में बेड, एम्बुलेंस, डॉक्टर, नर्स व कोविड केयर सेंटर में मरीजों की इलाज के लिए कई गुना वृद्धि हुई है। जिस तरह से हमने कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाया है , इससे जुलाई मध्य तक हम मुंबई में कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लेंगे। रैपिड एक्शन प्लान के तहत मुंबई में मिशन जीरो शुरू किया गया है।

कोरोना को मात देने के लिए बीएमसी मिशन मोड पर आ गई है। अगले दो से तीन सप्ताह काफी महत्वपूर्ण हैं। कमिश्नर चहल ने कहा कि मुंबई में टेस्टिंग, ट्रैकिंग, क्वारंटीन और ट्रीटमेंट फॉर्मूले के तहत हमने काम शुरू किया। इसका परिणाम भी दिखाई दे रहा है। टेस्टिंग लैबोरेटरी को 24 घंटे में टेस्ट रिपोर्ट देने अनिवार्य किया। कोविड सेंटर और हॉस्पिटल की क्षमता बढ़ाई। मई महीने में 3700 बेड की तुलना में आज 12 हजार बेड उपलब्ध हैं। जून महीने के आखिरी तक 15 हजार और जुलाई आखिरी तक 20 हजार बेड मुंबई में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध होंगे। मई महीने में ऐम्बुलेंस की संख्या 100 थी, जो अब बढ़कर 700 हो गई है। वरली, धारावी, गोवंडी, भायखला में मोबाइल डिस्पेंसरी व मेडिकल कैंप के जरिए बड़े पैमाने पर मरीजों की पहचान हुई, जिससे उन्हें क्वारंटीन किया गया। अब तक मुंबई में 94 लाख लोगों का सर्वे किया गया। 5 लाख सीनियर सिटिजन की जांच की गई। 

3 जून से 22 जून के बीच 19 दिनों में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगा है। मुंबई में 6 से 7 विभाग ऐसे हैं जहां अभी भी मरीज मिलने की औसत अधिक है। इन इलाकों में मोबाइल डिस्पेंसरी वैन के जरिए लोगों की जांच में तेजी लाई जा रही है। मुंबई में कई जगह जंबो फसिलिटी हॉस्पिटल शुरू किए गए हैं। कई जगह कोविड केयर सेंटर शुरू हैं जहां मरीजों का इलाज चल रहा है। इससे इलाज के लिए काफी बेड उपलब्ध हुए हैं। मुंबई के सभी 24 वॉर्डों में वॉर्ड वार रूम तैयार किया गया है। इससे बेड मैनेजमेंट बेहतर हुआ है। आज अस्पतालों में ढाई हजार बेड खाली है। 1300 आईसीयू बेड में से 71 खाली है। जो भविष्य में मरीजों के काम आएंगे। 

बीएमसी कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखाई दें उन्हें तुरंत अस्पतालों में कोविड बेड उपलब्ध कराया जाए। कमिश्नर ने सभी परिमंडलीय सह आयुक्त/ उपायुक्त और विभागीय सहायक आयुक्तों को निर्देश दिया कि वह अपने-अपने कार्यक्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी हॉस्पिटल की जांच अगले 48 घंटों में करें। किस हॉस्पिटल में कितने बेड हैं और कितने खाली हैं, इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। इस जांच के दौरान जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जाएं। 


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