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मुंबई : राज्य के निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना जांच के नाम पर हो रही लूट को बंद करने के लिए सरकार  निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना जांच की दर निश्चित करेगी. इस संदर्भ में राज्य स्वास्थ्य सेवा गारंटी सोसायटी के प्रमुख डॉक्टर सुधाकर शिंदे की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमिटी गठित की गयी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि कमिटी इस संदर्भ में सात दिनों के अंदर निर्णय लेगी.

राज्य के प्रयोगशालाओं का उपयोग पूरी क्षमता से हो एवं अधिक से अधिक संख्या में जांच को लेकर सरकारी मान्यता प्राप्त निजी लैब में कोरोना की जांच की दर निश्चित किया जाना जरूरी है. डॉक्टर सुधाकर शिंदे की अध्यक्षता में गठित कमिटी में चिकित्सा शिक्षा  व संशोधन विभाग के संयुक्त निदेशक अजय चंदनवाले, ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रा. अमिता जोशी को सदस्य एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक को  सदस्य सचिव बनाया गया है. 

राज्य में कोरोना के बढ़ते  प्रादुर्भाव को देखते हुए आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा वाले 44 सरकारी एवं 36 निजी  प्रयोगशालाओं को कोरोना जांच की मान्यता दी है. सरकारी प्रयोगशालाओं में निशुल्क जांच की जाती है. जबकि निजी प्रयोगशालाओं के लिए आईसीएमआर ने 4500  रुपये दर निश्चित की है. जिस समय दर निश्चित की गई थी उस समय जांच के लिए आवश्यक किट्स विदेश से मंगाने पड़ते थे.अब देश में ही बन रहे हैं और आसानी से उपलब्ध भी हो रहे हैं. जिसको लेकर बातचीत कर दर निश्चित करने का निर्देश   आईसीएमआर ने दिया है.यह समिति निजी प्रयोगशालाओं से बातचीत कर 7 दिनों के अंदर दर तय करेगी.और जिलावार रिपोर्ट जिलाधिकारी को देगी.


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