मुंबई : कोरोना कंट्रोल में बीएमसी फेल, नये बीएमसी कमिश्नर का प्रजेंटेशन उत्तम
मुंबई : मुंबई में कोरोना मरीजों को अस्पतालों में रखने के लिए जगह नहीं है. कोरोना रोकने में लापरवाही की शिकायतें नगरसेवकों की तरफ से की जा रही हैं. कोरोना नियंत्रण के लिए उचित प्रबंधन में बीएमसी की नाकामी पर बीएमसी में विरोधी पक्ष नेता रवि राजा से संवाददाता ओ पी तिवारी की विशेष बातचीत.
जिस तरह से काम हो रहा था उससे तो यही कहा जा सकता है कि बीएमसी कोरोना नियंत्रण में विफल हो गई है. कोरोना मरीजों की संख्या जब कम थी सख्त कदम उठाकर बढ़ने से रोका जाना चाहिए था वैसा नहीं किया गया. बीएमसी कोरोना रोकने के लिए सही प्लानिंग नहीं कर सकी.
प्रशासन की तरफ से कई गलतियां की गई. जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए बिना मनमानी तरीके से निर्णय लिए गए. 27 मार्च से कोरोना मरीजों के लिए व्यापक व्यवस्था करने की आवश्यकता थी, लेकिन प्रशासन मामलों के बढ़ने का इंतजार करता रहा. सर्कुलर निकालना 2 दिन बाद उसमें बदलाव करने में वक्त जाया किया गया. एक साथ घंटो काम करने वाले अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग में उलझाए रखा. यहीं प्रशासन चूक गया.
जब भी मौका मिला प्रशासन को सूचित करता रहा. पुराने आयुक्त किसी से सलाह मशविरा नहीं करते थे. हमने कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा को तत्काल बढ़ाने के लिए कहा था हमारी बात नहीं सुनी गई. हालत बहुत खराब है. अस्पताल में जगह नहीं है. ऑक्सीजन और वेंटिलेटर वाले बेड की कमी है. नये आयुक्त ने गुट नेताओं को प्रजेंटेशन दिया है. उनके प्रजेंटेशन से लगता है कि वे बेहतर कार्य करेंगे. वे आते ही चीजों को दुरुस्त कर रहे हैं जिससे कोरोना को नियंत्रित किया जा सके.
कोरोना रोकने के लिए वार्ड के अधिकारी, डॉक्टर,नर्स, सफाईकर्मी, पुलिस बहुत मेहनत कर रहे हैं. लॉकडाउन का पालन कराने में डेढ़ महीने से दिन-रात लगे पुलिस वाले भी थक चुके हैं. हमने बहुत पहले आयुक्त को पत्र लिख कर पैरामिलिट्री फोर्स बुलाने के लिए कहा था आखिर में अब सरकार फोर्स बुलाने जा रही है. फोर्स आने से लोग डरेंगे.
आरटीपीसी टेस्ट होना चाहिए. इस टेस्ट से दो घंटे में रिपोर्ट आ जाती है. जिसके तत्काल बाद संदिग्ध मरीज को अलग किया जाना चाहिए. जांच रिपोर्ट में देरी से जो संक्रमित हैं वे दो दिन में पता नहीं कितने लोगों को संक्रमित करते होंगे? नये आयुक्त ने कहा है वे खामियों को दूर करने पर जोर दे रहे हैं. रेपिड टेस्ट से कोरोना 50 प्रतिशत नियंत्रित हो जाएगा.
नहीं अब तक तो ऐसा नहीं लगा है कि वह खर्च करने से बच रही है. हां, सुविधाएं बढ़ाने में देरी जरुर हुई है इसलिए लोग परेशान हैं. अब तक एक हजार करोड़ से अधिक खर्च हो गया है.
हमने वार्ड के 10 हजार लोगों को राशन किट बांटा. 2 हजार लोगों को रोज दोनों समय का भोजन दे रहे हैं. बीएमसी के सामने यह बड़ी मुश्किल है. सड़क और नाला सफाई करने वाले मजदूर मुंबई छोड़ कर जा रहे हैं. मशीन से बड़े नालों की सफाई हो रही है लेकिन मजदूर के बिना छोटे नालों की सफाई का काम प्रभावित होगा. आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि व्यवस्था की जा रही है.