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मुंबई : मुंबई में एक दिन में रिकॉर्ड 40 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. बुधवार को कोरोना के 795 नये मरीज मिलने के साथ मरीजों का आंकड़ा 15 हजार के पार हो गया. बीएमसी अधिकारियों के प्रयास के बाद भी कोरोना बेकाबू होता जा रहा है. कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के बदले दवा का दो टेबलेट देकर भगा दिया जा रहा है. ऐसी स्थिति में लोग भी परेशान होकर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से वे इधर-उधर भटक कर कोरोना का प्रसार कर रहे हैं. 

एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में कोरोना बेकाबू हो चुका है. बुधवार को भी कोरोना के 66 मरीज मिलने के साथ ही यहां कोरोना मरीजों की संख्या 1000 के पार हो गई है. धारावी में कोरोना ने अब तक 40 लोगों की जान ले ली है. मुंबई में 795 नये मरीज मिलने से कोरोना का आंकड़ा 15 हजार को पार कर गया. मृतकों में 24 पुरुष और 16 महिला हैं. 3 मरीज की आयु 40 वर्ष से कम और 20 मरीज की उम्र 60 वर्ष से अधिक है. 17 मरीजों की उम्र 40 से 60 वर्ष के बीच है. 

जी उत्तर वार्ड के अंतर्गत आने वाले प्रमुख इलाकों में धारावी, माहिम और दादर आते हैं. इस वार्ड में कोरोना मरीजों की संख्या अन्य सभी वार्डों को पीछे छोड़ दिया है. जी उत्तर विभाग में 1316 मरीज हो गए हैं. धारावी में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन इतने तेजी से हो रहा है कि लोग इस बात से हतप्रभ हैं कि इतने बचाव के बाद भी वे कोरोना से कैसे संक्रमित हो रहे हैं. अकेले धारावी में कोरोना मरीजों की संख्या 1028 और 40 मौत हुई है. माहिम में कोरोना के 12 नये मरीज मिले हैं. वहां मरीजों की संख्या 155 हो गई है. अब तक 7 लोगों की मौत हुई है और 31 लोग ठीक हुए हैं. दादर में बुधवार को कोरोना के 8 नये संक्रमित पाए गए. मरीजों की संख्या 133 और 7 लोगों की मौत हो चुकी है. 

मुंबई में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों का सही उपचार नहीं होने से लोगों में अफरा तफरी का महौल है. बरकत अली में रहने वाले एक परिवार को 3 मई से कोरोना का लक्षण दिख रहा था. परिवार के लोग  लॉकडाउन के बीच किसी तरह से कई बार जांच कराने केईएम असपताल गए जहां कोरोना की जांच करने के बजाय टेबलेट देकर टाला जाता रहा. परिवार के एक सदस्य अपने बुजुर्ग पिता को लेकर हिंदुजा अस्पताल गए. वहां जांच में कोरोना संक्रमित पाये गए उसके बाद भी किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. परिवार में 7 सदस्य हैं, सभी को बुखार और सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

बीएमसी प्रशासन की लापरवाही इतनी की सूचना मिलने के कई घंटे बाद भी उन्हें लेने एंबुलेंस नहीं आई. दूसरे दिन परिवार को डॉक्टर का फोन आया कि हमारे पास बेड की सुविधा नहीं है बेड उपलब्ध होने के बाद ले जाएंगे. प्रशासन के लचर प्रबंधन के कारण कोरोना बेकाबू हो गया है. बीएमसी प्रशासन का कहना है कि वह कोविड 19 मरीजों को रखने के लिए कोविड के लिए तय किए गए अस्पतालों में बेड की सुविधा बढ़ा रहे हैं. इसी सप्ताह केईएम और सायन अस्पताल में 40-40 बेड के एक-एक वार्ड तैयार किए गए हैं.


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