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मुंबई : कोरोना महामारी के संकट और उस पर नियंत्रण के लिए किए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से इस समय सभी कंपनियों का परिचालन बाधित हुआ है. कारोबार ठप होने से उनके समक्ष वित्तीय संकट खडा़ हो रहा है और कंपनियों के लिए अपने कर्मचारियों को बनाए रखना एवं वैधानिक बकायों का भुगतान भी कर पाना कठिन हो रहा है. कंपनियों के इस संकट के मद्देनजर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) कई तरह की रियायतें दे रहा है. 

अब ईपीएफओ ने कंपनियों के लिए अनुपालन प्रक्रिया को आसान करते हुए ईपीएफ एंड एमपी एक्ट,1952 के तहत मासिक इलेक्ट्रॉनिक-चालान कम रिटर्न (ईसीआर) को वैधानिक योगदान के भुगतान से अलग करने की सुविधा दी है.  अब नियोक्ता (कंपनियां) भुगतान किए बिना भी ईसीआर दाखिल कर सकती हैं और अपने योगदान का भुगतान बाद में भी किया जा सकता है. इस सुविधा से उन सभी कंपनियों और कर्मचारियों को सहूलियत होगी, जो पीएफ के इस एक्ट और स्कीम के अंतर्गत आते हैं. समय पर केवल ईसीआर भरने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी. इससे कंपनियों को सरकार द्वारा घोषित 3 महिनों के लिए 24% पीएफ अंशदान का फायदा प्राप्त होगा.


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