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नागपुर : कोरोना वायरस से बचाव के लिए रेलवे ने 14 अप्रैल तक यात्री ट्रेनों के पहिये रोक दिये गये हैं. लेकिन मालगाड़ियां दौड़ रही हैं. ऐसे में पटरियों को बेहतर बनाए रखने की जिम्मेदारी अब भी ट्रैक मेंटनर्स पर है. एक तरफ जब रेलवे के लाखों रेल अधिकारी और कर्मचारियों के पास काम लगभग नहीं के बराबर हैं, पटरियों के ये रक्षक पसीना बहा रहे हैं. ट्रेनों से लेकर तमाम सुविधाएं बंद कर दी है. केवल मालगाड़ी चल रही हैं ताकि लोगों के घरों में अंधेरा न हो और खाद्यान्न सामग्री पहुंच सके. मालगाड़ी तभी सुरक्षित चलेगी जब ट्रैक ठीक रहे. इसके लिए ट्रैक मेंटेनर डटे हुए हैं.

मालगाड़ियों को चलाने के पीछे एक ही उद्देश्य पावर प्लांट तक कोयला व खाद्यान्न सामग्री पहुंचाना है. मालगाड़ी तभी सुरक्षित दौड़ेगी जब पटरियां मजबूत रहेंगी. ऐसा माना भी जाता है कि पटरियां जर्जर केवल मालगाड़ी के परिचालन से होती हैं. कोचिंग ट्रेन की अपेक्षा मालगाड़ी के कारण पटरियों पर अधिक दबाव पड़ता है.

वायरस को लेकर अभी जो हालात हैं उस स्थिति में यदि एक भी जगह मालगाड़ी थमी तो संकट बढ़ सकता है. ऐसा न हो इसीलिए ट्रैक मेंटनर्स वायरस का खतरा होने के बाद भी नियमित ड्यूटी कर रहे हैं. कहीं पटरी बदल रहे हैं तो कहीं कोई पैकिंग व छुटपुट खामियां ठीक कर रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस हो या स्वास्थ्यकर्मी, जिस तरह अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का बेहतर ढंग से निभा कर रहे हैं तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाएं. चाहे कुछ हो जाए मालगाड़ी नहीं रुकने देंगे.

वर्तमान में मध्य रेल नागपुर मंडल के तहत 3000 से 3500 ट्रैक मेंटेनर्स हैं. सभी पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहे है. इटारसी से लेकर नागपुर और नागपुर से लेकर वर्धा के अलावा बल्लारशाह और नरखेड़ से अमरावती रूट पर गंभीरता से काम किया जा रहा है. देश का मुख्य रेल रूट होने से यहां से अधिकांश मालगाडियों चलती हैं. वहीं, नागपुर के कोराडी, बैतूल जिले के अलावा चंद्रपुर के पावर प्लांट्स कोयला सप्लाई के लिए यहीं से मालगाड़ियों का परिचालन होता है. यही वजह है कि इन सेक्शनों में पूरी सतर्कता के साथ ट्रैक का सुधार जारी है.

हालांकि ट्रैक मेंटेनर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निभा रहे हैं लेकिन रेलवे की ओर से सभी को सैनिटाइजर और मास्क नहीं दिये गये हैं. इस बारे में ट्रैक मेंटनर्स के मन में नाराजगी दिखाई देती है लेकिन काम नहीं रोका जा रहा. उन्हें भरोसा है कि रेल प्रशासन जल्द ही उन्हें भी यह सुविधा देगा. हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार के पास सैनिटाइजर दिया गया है. जरूरत के अनुसार सभी के हाथ धुलवाये जाते हैं. साथ ही काम के दौरान ट्रैक मेंटेनर्स के बीच उचित दूरी भी रखी जा रही है जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बेहद जरूरी है.


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