मुंबई : केमिकल कंपनियों पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का शिकंजा
मुंबई : वसई पूर्व में केमिकल कंपनियों से निकलने वाला केमिकल व कचरा वसईकरों की सेहत बिगाड़ रहा है। हालात यह हैं कि यहां गलियों व सड़कों के किनारे बहने वाले केमिकल युक्त गंदे पानी से तरह-तरह की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। गत दिनों नवभारत टाइम्स ने 'वसई में भी केमिकल लोचा हो सकता है' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद महाराष्ट्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने वसई पूर्व स्थित तीन कंपनियों को बंद करने का नोटिस जारी किया है। साथ ही, महावितरण कंपनी को तीनों कंपनियों की विद्युत आपूर्ति बंद करने को कहा था। मंगलवार को महावितरण ने तीनों कंपनियों की बिजली काट दी। इसके बाद अन्य कंपनी मालिकों में हड़कंप मच गया है माध्यम से यह खतरनाक केमिकल खेतों व खाड़ी में पहुंच रहा है। हरे, नीले, पीले रंग में बह रहा यह केमिकल मछलियों, खेती व पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। केमिकल युक्त पानी पीने से कई जानवरों की मौत भी हो चुकी है। साथ ही इन कंपनियों में कई जानलेवा हादसे सामने आ चुके हैं। वसई-विरार शहर मनपा क्षेत्र में बेरोक-टोक चल रहीं इन कंपनियों पर स्थानीय नागरिकों की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।
वसई पूर्व के गोलानी, वालीव, धुमाल नगर, वसई फाटा, खैरपाडा, चिचपाडा, गौराईपाडा, सातीवली, भोयदापाडा, अग्रवाल, कामण, चिंचोटी, हाइवे, रिचर्ड कंपाउंड, वाकनपाडा, शालीमार आदि क्षेत्रों में आज भी कई केमिकल कंपनियां अवैध रूप से संचालित हैं। पूर्व में इन केमिकल कंपनियों में आग लगने की घटनाओं के साथ-साथ कई बड़े हादसे भी हो चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनियों के मालिक नियमों का उल्लंघन करते हुए कंपनियों से निकलने वाला कचरा व केमिकल युक्त पानी खुले गटरों, नालों व सड़क किनारे छोड़ देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनियों से निकलने वाले केमिकल के चलते लोगों में डेंगी, मलेरिया, खांसी, आंखों में जलन जैसी बीमारियां फैल रही हैं। मनपा अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। शिवसेना नेता व पूर्व नगरसेवक राजकुमार चोरघे ने बताया कि वसई पूर्व का ज्यादातर इलाका इंडस्ट्रियल है। यहां छोटी-बड़ी 4 हजार से अधिक कंपनियां चलाई जा रही हैं। इनमें से बहुत कम कंपनियों को परमिशन दी गई है। अवैध रूप से चल रही इन कंपनियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।