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कानपुरः हैलट में फर्जी नियुक्ति पत्र देने के मामले में पुलिस ने कथित महिला डॉक्टर सत्या उर्फ आदित्या को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी बीएससी नर्सिंग की छात्रा है। उसने अपनी मां समेत 11 लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर हैलट के कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही का ब्योरा तैयार करने का काम सौंपा था। वह इसके जरिये अधिकारियों व कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर धनउगाही करती।
मामले में कथित एम्स के एक डॉक्टर समेत दो के नाम और सामने आए हैं। पुलिस ने उन तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी है।
हैलट प्रशासन ने बुधवार को अस्पताल परिसर में गोपाल विश्वकर्मा (मैनेजर ओटी एंड ओपीडी हैलट), कनक लता (चीफ विजिट ऑफिसर हैलट) और आसिफ रियाज अंसारी (चीफ असिस्टेंट हैलट) को पकड़ा था। इन सभी के पास फर्जी नियुक्ति पत्र मिले थे। तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
स्वरूपनगर इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि जांच में पता चला कनक लता की बेटी सत्या उर्फ आदित्या ने उनके समेत 11 लोगों को वो नियुक्ति पत्र दिये थे। उसने कहा था कि अस्पताल के जो कर्मचारी लापरवाही बरतें उनका वीडियो व फोटो बनाकर हर महीने डाटा इकट्ठा करें। पुलिस ने सोमवार सुबह कल्याणपुर स्टेशन के पास से सत्या को गिरफ्तार कर लिया।
उसने बताया कि लापरवाही के सुबूत इकट्ठा करके अधिकारियों-कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठती। इंस्पेक्टर ने बताया कि सत्या को जेल भेज दिया गया है। एफआईआर में नामजद आरोपियों की इसमें भूमिका नहीं मिली है। सत्या मूलरूप से छपरा (बिहार) के बिरहनी, डीहपिरारी निवासी है। वर्तमान में वह उत्तम विहार कल्याणपुर में परिवार के साथ रहती है। उसके पिता कृषि विभाग में कर्मचारी हैं।
सत्या चौबेपुर स्थित साईं मेडिकल कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। सत्या ने बताया कि पिछले साल वह हैलट में ट्रेनिंग कर रही थी तभी उसकी मुलाकात प्रमोद प्रताप से हुई थी। उसने कहा था कि एम्स के डॉक्टर राघवेंद्र (कथित डॉक्टर) से उसका परिचय है। वो उनकी हैलट में ही नौकरी लगवा देंगे। इसके बाद सत्या ने अपनी मां के अलावा आसिफ व गोपाल के कागजात उसको व्हाट्सएप पर भेजे। कुछ दिन बाद प्रमोद ने तीनों के नियुक्ति पत्र भेज दिये। इस पर सत्या ने हस्ताक्षर किये और डॉ. आदित्या के नाम की मुहर भी बनवाकर लगा ली। उसके बाद ये नियुक्ति पत्र तीनों को दे दिये। आगे की डीलिंग में प्रमोद भी शामिल था।
डॉक्टर आदित्या व सत्या एचओडी मेडिसिन व डॉक्टर आरके राघवेंद्र एचओडी एम्स के नाम से मुहर। कॉलेज का आईडी कार्ड समेत वो रजिस्टर जिसमें लोगों की वह उपस्थिति दर्ज करवाती थी। दो अन्य रजिस्टर भी मिले हैं, जिसमें फर्जीवाड़े संबंधी तमाम जानकारियां दर्ज हैं।

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