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मुंबई : भारतीय रेलवे में प्राइवेट ट्रेनों की शुरुआत हो चुकी है। बजट भाषण में 100 रूट पर कुल 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की घोषणा हुई थी। इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन द्वारा प्राइवेट कंपनियों को ट्रेन चलाने का ठेका दिया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, आईआरसीटीसी के शेयर मार्केट में उतरने के बाद अब इसमें रुपये लगाने के लिए निजी कंपनियां भी रुचि दिखा रही हैं। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए टाटा और अडानी ग्रुप सहित करीब 2 दर्जन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए रुचि दिखाने वाली कंपनियों में टाटा रियल्टी ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर, अडानी पोर्ट्स एवं एसईजेड, एस्सेल ग्रुप के अलावा कई बाहर की कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। इन विदेशी कंपनियों में हुंडई रोटेम, एलस्टॉम ट्रांसपोर्ट, बॉम्बार्डियर, सिमेंस एजी, मैक्वेरी, हिताची इंडिया एवं साउथ एशिया के नाम प्रमुख हैं।

रेलवे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मुंबई से नई दिल्ली, चेन्नई से नई दिल्ली, नई दिल्ली से हावड़ा, शालीमार से पुणे, नई दिल्ली से पटना समेत कुछ ऐसे मार्ग हैं, जहां से निजी ट्रेनें चलाने की योजना है। निजी ट्रेन 15 मिनट के अंतराल पर चलेंगी। प्रत्येक नई ट्रेन में कम से कम 16 कोच होंगे। कोचों की अधिकतम संख्या संबंधित मार्ग पर चलने वाली सबसे लंबी यात्री ट्रेन से अधिक नहीं होगी। इन ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटे होगी।

किसी विशेष मार्ग पर किराया कितना होगा, यह तय करने का अधिकार निजी कंपनियों का ही होगा। सभी वित्तीय अधिकार हाथ में होने की वजह से इन कंपनियों पर ही निजी ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी भी होगी। रेल अधिकारियों के अनुसार, निजी कंपनियों की ट्रेन चलाने में रुचि की बड़ी वजह यह है कि जब आईआरसीटीसी ने आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में प्रवेश किया था, तो कंपनी के शेयर 15 दिन से कम समय में ही 50 फीसदी से अधिक बढ़ चुके थे।


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