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मेरठ : मेरठ में सिविल लाइन के प्रगतिनगर में मंगलवार को 14 साल की बेटी को जहर देकर मार डाला। पिता और दादी पर हत्या करने का आरोप लगाकर थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने दादी को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पुलिस का कहना कि किशोरी का पोस्टमार्टम हुआ है, जिसमें बिसरा सुरक्षित रखा गया है। हत्या के पीछे मकान का विवाद बताया गया। इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। तीन दिन से परिवार में विवाद चला आ रहा था और पुलिस तमाशबीन बनी थी। 

प्रगतिनगर में सचिन त्यागी अपनी पत्नी अनीता त्यागी, मां ऊषा त्यागी, दो बेटी मनालिक (15), माही (14), दो बेटे कुणाल (13) और ऋषभ (11) के साथ रहता है। सचिन त्यागी मेडिकल स्टोर चलाते हैं। सचिन और उसकी मां ऊषा का अनीता से मकान को लेकर विवाद चल रहा है। जिसके चलते अनीता बच्चों को लेकर अक्सर मायके में रहती थी। बच्चे बड़े हुए तो वह प्रगतिनगर में आकर रहने लगी। सोमवार रात दंपती में फिर से विवाद होना बताया गया। आरोप है कि सचिन और उसकी मां ऊषा ने माही को खाने में जहर दे दिया। 

रात में सचिन वहां से चला गया। मंगलवार सुबह माही का शव घर में पड़ा मिला। परिजनों ने जहर देने के बाद गला घोंटकर बेटी को मारने का आरोप लगाया है। माही की मौत की खबर सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ऊषा को हिरासत में ले लिया। सीओ सिविल लाइन संजीव देशवाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिवार के लोगों से बातचीत की। जिसमें परिजनों ने पिता और दादी पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें गला दबाने की पुष्टि नहीं हुई। 

अनीता का पति और सास से अक्सर विवाद होता था। इसे लेकर अनीता की शिकायत पर पति और सास के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। इसके बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अनीता ने बेटियों की जान का खतरा बताकर सुरक्षा मांगी थी। सोमवार रात भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। पुलिस मौके पर पहुंची थी और अनीता और उसकी बड़ी बेटी मनालिक को उठाकर ले गई थी। कई घंटे उनको पुलिस ने थाने में बंद रखा। इसके बाद भी पुलिस ने स्थिति को नहीं भांपा। इससे पहले भी दंपती के झगड़े में पुलिस तमाशबीन बनी रही। नतीजा यह हुआ कि दंपती के विवाद में 14 साल की बेटी माही की हत्या हो गई। 

अनीता और उसकी बेटी के थाने से घर जाने के बाद माही की हत्या हुई। हत्या किसने और क्यों की, इसकी पुलिस गहनता से जांच कर रही है। लोगों का कहना है कि पुलिस मामले को गंभीरता से सुन लेती तो माही की जान न जाती। विवाद के चलते ही माही की हत्या हुई है। मां-बेटी के थाने जाने के बाद माही डिप्रेशन में आ गई थी। इस बिंदु पर भी पुलिस जांच में लगी है। माही कक्षा 10वीं की छात्रा थी। 


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