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दिल्ली : निर्भया के दोषियों की फांसी एक बार फिर से टल गई है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है. निर्भया के सभी दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जानी थी. पहली बार निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था, लेकिन बाद में इसको टाल दिया गया था और एक फरवरी को फांसी देने की तारीख निर्धारित की गई थी.
शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट के जज धर्मेंद्र राणा ने निर्भया के दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय की फांसी पर महज साढ़े 12 घंटे पहले रोक लगाई है. निर्भया के दोषियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका लंबित होने की दलील देते हुए फांसी पर रोक लगाने की मांग की थी. निर्भया के दोषी विनय, पवन और अक्षय की तरफ से वकील ए. पी. सिंह ने पैरवी की. वकील ए. पी. सिंह ने कोर्ट में दलील दी थी कि निर्भया के दोषियों के पास अभी कानूनी विकल्प बचे हुए हैं. लिहाजा इनकी फांसी पर रोक लगाई जाए.
इसके अलावा निर्भया के दोषी मुकेश के वकील वृंद ग्रोवर ने एक और अर्जी लगाकर सजा पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने दावा किया कि मुकेश बिना किसी देरी के कानूनी उपायों का पालन कर रहा है. उन्होंने जेल के नियम संख्या 868 का हवाला देते हुए कहा कि सभी दोषियों को एक ही अदालत ने एक ही अपराध का दोषी पाया है, इसलिए सजा अलग-अलग नहीं दी जा सकती है. वहीं, निर्भया की मां आशा देवी दोषियों की फांसी में हो रही देरी में साजिश देखती हैं. शुक्रवार को दोषियों की फांसी टलने से उनको करारा झटका लगा. दूसरी तरफ दोषियों के वकील फांसी टलने के फैसले से खुश हैं.
निर्भया के चारो दोषियों की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है. इसके अलावा दोषी विनय, मुकेश और अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन भी खारिज हो चुकी है. अब सिर्फ पवन के पास ही क्यूरेटिव पिटीशन फाइल करने का विकल्प बचा है. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद अक्षय और पवन के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका का विकल्प होगा. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका को खारिज कर चुके हैं, जबकि विनय की दया याचिका लंबित है. मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी मुकेश की इस याचिका को भी खारिज कर दिया है.
अब निर्भया के दोषी मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं. हालांकि दूसरे दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म होने तक उसकी फांसी भी रुकी रह सकती है, क्योंकि चारो दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी. जब तक निर्भया के सभी दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज नहीं हो जाती है और राष्ट्रपति दया याचिका खारिज नहीं कर देते हैं, तब तक निर्भया के दोषियों के पास फांसी से बचने का कानूनी विकल्प बना रहेगा.

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